जिन जेमिमा रोड्रिग्स को पहले उनके पिता के विवाद में घसीटा जा रहा था उनको अब पूरे की पसंदीदा बन गई हैं। साल भर पहले ही वह दक्षिणपंथियों के निशाने पर रही थीं, लेकिन महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में उनकी ऐतिहासिक पारी ने सबका दिल जीत लिया!दरअसल, भारत को आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में पहुँचाने का श्रेय भारतीय महिला क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्स को दिया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं जिन जेमिमा की आज इतनी तारीफ हो रही है उन्हें एक साल पहले खुलेआम गालियां दी गईं…ताने मारे गए और बेहद अपमानित किया गया। आखिर ऐसा क्यों? 

अक्टूबर 2024 की बात है। इसी समय इनको भला-बुरा कहा जाने लगा था। इससे पहले भी वह शानदार क्रिकेटर रहीं। और यही वजह है कि मुंबई के पुराने और मशहूर क्लबों में से एक खार जिमखाना ने जेमिमा को 2023 में तीन साल की मानद सदस्यता दी थी। लेकिन अक्टूबर 2024 में अचानक जेमिमा रॉड्रिग्स की मेंबरशिप रद्द कर दी। क्लब का कहना था कि जेमिमा के पिता इवान रॉड्रिग्स क्लब के अंदर ‘धार्मिक कार्यक्रम’ करवाते थे। कुछ रिपोर्टों में यह आरोप भी लगाया गया कि वहां धर्मांतरण जैसी गतिविधियाँ हो रही थीं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। क्लब कमेटी के मेंबर शिव मल्होत्रा ने तब कहा था, ‘जेमिमा के पिता ब्रदर मैनुअल मिनिस्ट्रीज़ से जुड़े हैं। उन्होंने पिछले डेढ़ साल में क्लब के प्रेसिडेंशियल हॉल को क़रीब 35 बार बुक किया। वहाँ म्यूजिक, डांस और बड़े स्क्रीन वाले कार्यक्रम होते थे। जबकि क्लब के नियम 4A में साफ लिखा है कि यहां किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि पूरी तरह से मना है।”
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जेमिमा निशाने पर क्यों आईं

मामला तब और बढ़ा जब एक स्टाफ मेंबर ने पूर्व क्लब अध्यक्ष नितिन गाडेकर को इसकी जानकारी दी। शिकायत मिलने पर जब गाडेकर और कुछ सदस्य एक कार्यक्रम में पहुंचे, तो देखा कि हॉल में हल्की रोशनी, तेज़ म्यूज़िक और भाषण चल रहे थे, जैसा किसी धार्मिक सभा में होता है। इसके बाद क्लब की मीटिंग में वोटिंग कर फैसला लिया गया। क्लब के अध्यक्ष विवेक देवानी ने बताया कि जेमिमा को 2023 में तीन साल की मानद सदस्यता यानी जो सम्मान जेमिमा को उनकी क्रिकेट उपलब्धियों के लिए दिया गया था उसे क्लब ने सर्वसम्मति से रद्द कर दिया। हालांकि, ये कदम जेमिमा के किसी निजी व्यवहार की वजह से नहीं, बल्कि उनके परिवार से जुड़े विवाद की वजह से उठाया गया था।

जैसे ही ये विवाद सामने आया भारतीय मीडिया के बड़े-बड़े चैनलों ने जेमिमा पर निशाना साधना शुरू कर दिया। कुछ हिंदुत्ववादी चैनलों, कुछ तथाकथित कमेंटेटर्स और एक न्यूज़ एजेंसी ने सिर्फ जेमिमा की ईसाई पहचान को लेकर उनके खिलाफ एक नकारात्मक मुहिम चला दी। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने तो उनके खिलाफ हिंसा की धमकियाँ दीं, यहां तक कि जेमिमा को “गैंगरेप” तक की धमकी दी गई।
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जेमिमा के साथ सिर्फ यही नहीं हुआ है। जब भी जेमिमा की परफॉर्मेंस थोड़ी कमजोर पड़ती तो लोग क्रिकेट पर बात करने के बजाय उनके धर्म को लेकर ट्रोल करने लगते हैं। यहाँ तक कि जब उन्होंने शानदार पारी खेली, तब भी कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें गालियां दीं। उस वक्त जेमिमा रोड्रिग्स या उनके परिवार ने मीडिया से कोई बात नहीं की। 

जेमिमा भावुक हुईं

लेकिन अब एक साल बाद जेमिमा ने मैदान पर अपने आलोचकों को जवाब दे दिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 127 रनों की पारी खेलकर। जेमिमा ने 116 गेंदों में 14 चौके और 3 छक्के जड़कर भारत को 339 रन का विशाल लक्ष्य हासिल करने में मदद की। यह जीत न केवल भारत को फाइनल में पहुंचाने वाली थी, बल्कि जेमिमा के लिए एक शानदार ‘कमबैक स्टोरी’ भी बन गई। मैच के बाद दिए गए इंटरव्यू में जेमिमा भावुक तो थीं, लेकिन बहुत मजबूत भी दिखीं। उन्होंने कहा “मैं सबसे पहले यीशु का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, क्योंकि मैं ये अपने दम पर नहीं कर सकती थी। मैं अपनी माँ, पापा, कोच और उन सब लोगों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा रखा।” जेमिमा ने दर्शकों का भी आभार जताया, जो पूरे मैच के दौरान उनका नाम लेकर उनका हौसला बढ़ा रहे थे।
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25 साल की जेमिमा ने अपने करियर की शुरुआत बहुत छोटी उम्र में की थी। उन्होंने 2012-13 सीज़न में सिर्फ 13 साल की उम्र में मुंबई की अंडर-19 टीम के लिए डेब्यू किया था। इतना ही नहीं, जेमिमा राष्ट्रीय स्तर की हॉकी खिलाड़ी भी रह चुकी हैं। साल 2017 में जेमिमा घरेलू अंडर-19 वनडे ट्रॉफी में दोहरा शतक लगाने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं। उनसे पहले ये उपलब्धि सिर्फ स्मृति मंधाना ने हासिल की थी। जेमिमा के सफर ने आलोचकों को अपने प्रदर्शन से जवाब दे दिया है!