नरेश गोयल अपनी पत्नी अनीता के साथ
जज ने अपने रोज़नामा में लिखा- "मैंने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना और जब उन्होंने अपनी बात रखी तो उस पर गौर भी किया। मैंने पाया कि उनका पूरा शरीर कांप रहा था। उन्हें खड़े होने के लिए भी मदद की जरूरत थी।" गोयल ने अपने घुटनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनमें सूजन और दर्द है और वह अपने पैरों को मोड़ने में असमर्थ हैं।
गोयल ने नम आंखों से कोर्ट में कहा कि उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है क्योंकि उसकी इकलौती बेटी भी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें जे जे अस्पताल न भेजा जाए और इसके बजाय "उन्हें जेल में ही मरने की अनुमति दी जाए।" गोयल ने कहा, "उन्होंने जिन्दगी की हर उम्मीद खो दी है और ऐसी स्थिति में जीवित रहने से बेहतर है कि उन्हें मर जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि वह 75 साल के हो जाएंगे और उन्हें भविष्य के लिए कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा, "बेहतर होगा कि वह जेल में ही मर जाए, उसका भाग्य उसे बचा लेगा"।