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फाइल फोटो

जो बाइडन गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रितः अमेरिकी राजदूत

भारत और अमेरिका के रिश्तें लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। इस कड़ी में अगले गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मुख्य अतिथि के रूप में भारत आ सकते हैं। यह दावा इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में किया गया है।
इसमें कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध गहरे हो रहे हैं। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन को अगले साल 26 जनवरी को नई दिल्ली में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आमंत्रित किया गया है।
एरिक गार्सेटी ने भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में क्वाड नेताओं को आमंत्रित किए जाने पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नई दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर उनकी द्विपक्षीय बैठक के दौरान मोदी द्वारा बिडेन को निमंत्रण दिया गया था।
इस महीने की शुरुआत में भी इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट दी थी कि सरकार अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह के लिए क्वाड समूह के नेताओं को आमंत्रित करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों ने कहा था कि अंतिम फैसला राष्ट्रपति बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस और जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद ही लिया जाएगा। 
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अगले साल भारत करेगा क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण सरकार के दृष्टिकोण से अत्यधिक प्रतीकात्मक होता  है। नई दिल्ली गणतंत्र दिवस के लिए अपना मुख्य अतिथि तय करने के लिए आतिथ्य सत्कार की रणनीति बना रही है। 
औपचारिक निमंत्रण आमतौर पर नेताओं की अनौपचारिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद ही भेजा जाता है।  सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष उस तर्ज पर काम कर रहा था क्योंकि क्वाड समूह के सभी तीन नेता जी20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली आये हुए थे। अगले साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा। 
ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी महाद्वीप पर पहली स्थायी यूरोपीय बस्ती की स्थापना का सम्मान करते हुए 26 जनवरी को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाती है। ऐसे में अल्बानीज़ सार्वजनिक समारोहों और समारोहों में व्यस्त रहेंगे जिसके कारण उनके आने की संभावना कम है। 
वहीं जापान का डाइट (संसद) सत्र आमतौर पर जनवरी के आखिरी सप्ताह में चलता रहता है और बजट सत्र के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री के वहां उपस्थित रहने की उम्मीद है। अगले वर्ष 150 दिवसीय सत्र 23 जनवरी से निर्धारित है। 
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2017 में क्वाड को पुनर्जीवित किया गया था 

रिपोर्ट कहती है कि अगर सभी क्वाड नेताओं को एक साथ लाने की योजना सफल होती है, तो यह चीन के लिए एक मजबूत संकेत होगा। माना जा रहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार ने चारों देशों को एक साथ ला दिया है। 

क्वाड ग्रुप की स्थापना 2007 में हुई थी लेकिन 2008 में इसने अपनी शक्ति खो दी। इसे 2017 में आधिकारिक स्तर पर पुनर्जीवित किया गया, और 2019 में विदेश मंत्रियों के स्तर पर और 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति के सत्ता में आने के बाद नेताओं के स्तर पर अपग्रेड किया गया था। 

भारत में हर साल गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि का चुनाव कई कारणों से तय होता है - रणनीतिक, कूटनीतिक, व्यावसायिक हित, अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति इसमें अहम फैक्टर होते हैं। अगला गणतंत्र दिवस बमुश्किल कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले का आखिरी गणतंत्र दिवस होगा। इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति अगर आते हैं तो इससे संदेश जाएगा कि दोनों देशों के संबंध काफी मजबूत हो चुके हैं।  

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क़मर वहीद नक़वी
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