महात्मा गांधी के प्रपौत्र और लेखक तुषार गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी की असली पहचान और विरासत" ने बीजेपी-आरएसएस को हमेशा परेशान किया है। उन्होंने कहा कि वो एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक से महात्मा गांधी पर हटाए गए चैप्टर से "आश्चर्यचकित नहीं" हैं। लेकिन चिंतित जरूर थे कि इस तरह के और प्रयास किए जाएंगे।

तुषार गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस से यह बात कही। तुषार ने लेट्स किल गांधी! ए क्रॉनिकल ऑफ़ हिज़ लास्ट डेज़, द कॉन्सपिरेसी, मर्डर इन्वेस्टिगेशन एंड ट्रायल जैसी किताबें लिखी हैं। तुषार ने कहा कि किताबों से चैप्टर हटाने से संघ परिवार के उस अभियान को ज्यादा स्वीकृति मिलेगी, जो वो महात्मा गांधी के खिलाफ चलाती रहती है। 
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एनसीईआरटी ने गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस पर 1948 के प्रतिबंध को कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान और इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया है। यह किताब सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पूरे भारत में पढ़ाई जाती है। कई राज्य बोर्ड भी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का पालन करते हैं। 

तुषार गांधी (लेखक और महात्मा गांधी के प्रपौत्र)

तुषार गांधी ने इस विवाद पर कहा- 
संघ परिवार द्वारा इतिहास को मिटाने के इस प्रयास से मुझे कोई आश्चर्य नहीं है। उन लोगों ने इतिहास को फिर से लिखने और स्थापित इतिहास को बदनाम करने की अपनी इच्छा के बारे में हमेशा कोई रहस्य नहीं रखा है। गांधी पर चैप्टर हटाने से उनके दो मकसद पूरे होते हैं - वे इतिहास का एक सुविधाजनक संस्करण लिखने में सक्षम होंगे, जो उन्हें सूट करता है। वे अब गांधी को उस रंग में रंग सकते हैं जिसमें वे उन्हें देखना चाहते हैं। मोहनदास करमचंद गांधी की वास्तविक पहचान और विरासत ने संघ और भाजपा को हमेशा परेशान किया है। .
चैप्टर हटाए जाने से विपक्षी दल बहुत नाराज हैं, उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया है कि वह उस इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहा है जिससे भाजपा को असुविधा होती है।

तुषार गांधी का कहना है कि भाजपा-आरएसएस गांधी की विरासत से इस हद तक परेशान थी कि जैसे ही उसे पाठ्य पुस्तकों में बदलाव, इतिहास में हेरफेर की क्षमता मिली तो उसने इतिहास के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करने का फैसला किया। तुषार ने कहा-
अब उनके पास एक भावी पीढ़ी होगी जिसके पास वास्तविक शिक्षा और सूचना तक पहुंच नहीं होगी और वे आरएसएस-बीजेपी के गलत सूचना अभियान को स्वीकार कर लेंगे। यह शुरुआत में ही ब्रेनवॉश करने का उनका संस्करण है। वो गांधी के बारे में उन विचारों को पहले से ही प्लांट कर देंगे, जो झूठ पर आधारित है।
तुषार ने कहा- महात्मा का जो संस्करण आरएसएस के अनुकूल है, वह है उन्हें सनातनी हिंदू के रूप में पेश करना, जिन्हें वे आसानी से राम राज्य के उपासक के रूप में दिखा सकते हैं। वो भी बिना राम राज्य की परिभाषा बताए बिना। उन्होंने कहा-
आरएसएस और भाजपा उस गांधी को खत्म करना चाहते हैं जो जन-जन को साथ लेकर चलने की बात करता था। जो समावेशी था।
उन्होंने कहा- इस तरह के गांधी को वे हमेशा अपनाना चाहते थे। उनके लिए उस गांधी के साथ रहना बहुत आसान होगा… आरएसएस हमेशा से पाखंडी रहा है। हम जानते हैं कि संघ और हिंदू महासभा कहां खड़े हैं। आरएसएस हमेशा छलावा करता है। वे अपना काम निकालते हैं और उनके पास अपने लिए बच निकलने का रास्ता भी होता है। इसलिए उनका दोगलापन आश्चर्यजनक नहीं है।