2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में विशेष एनआईए कोर्ट (NIA Court) द्वारा सातों आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले से पीड़ित परिवार गहरे सदमे में हैं। इस विस्फोट में छह लोगों की जान गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। पीड़ितों के परिवारों ने 17 साल तक चली इस कानूनी लड़ाई में इंसाफ की उम्मीद बनाए रखी थी, लेकिन गुरुवार 31 जुलाई को आए इस फैसले ने उनकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। कुछ परिवारों ने इसे स्वीकार कर जिंदगी को आगे बढ़ाने की कोशिश की, तो कुछ अब भी न्याय की आस में हैं। इस मामले में विशेष एनआईए कोर्ट ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया।