मे़डिकल इंटर्न्स और एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों को कोरोना मरीजों की देखभाल के काम में लगाया जाएगा। सरकार ने यह फ़ैसला इसलिए लिया है कि कोरोना संक्रमित लोगों की देखभाल के लिए अधिक संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मिल सकें।