loader

राजीव गांधी फ़ाउंडेशन समेत तीन ट्रस्ट को हुई फ़ंडिंग की होगी जांच, कमेटी गठित 

राजीव गांधी फ़ाउंडेशन (आरजीएफ़) और गांधी परिवार से जुड़े दो अन्य ट्रस्ट को हुई फ़ंडिंग की जांच में सहायता के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई है। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि यह कमेटी आरजीएफ़ के अलावा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा भी प्रीवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), इनकम टैक्स एक्ट और फॉरेन कांट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट (एफ़सीआरए) के कथित रूप से कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन के आरोपों की जांच करेगी। इस कमेटी का नेतृत्व ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे। 

ताज़ा ख़बरें

चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने आरोप लगाया था कि चीनी दूतावास ने आरजीएफ़ को 2005-2009 के दौरान चंदा दिया था। आरजीएफ़ की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और इसके बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हैं। 

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को चीनी दूतावास से 2005-09 के बीच हर साल और लक्ज़मबर्ग के "टैक्स हैवन" से दान मिलता था और 2006-09 के बीच यह पूरी तरह हवाला के लेनदेन का पैसा था।

नड्डा ने आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को पैसा दिया गया। नड्डा ने कहा था, ‘देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2005 से 2008 तक राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को पैसा क्यों दिया गया। इसके पीछे क्या कारण और इरादा था। क्या मनमोहन सिंह की सरकार आरजीएफ़ की सेवा में लगी हुई थी।’ 

नड्डा ने पूछा था कि आरजीएफ़ ने चाइना एसोसिएशन फ़ॉर इंटरनेशनली फ्रेंडली कांटेक्ट नाम की संस्था के साथ बहुत नजदीकी से काम किया, आरजीएफ़ का इस संस्था से क्या संबंध था। 

नड्डा ने पूछा था कि आरजीएफ़ ने कॉरपोरेट्स से बड़े डोनेशन लिए और उन्हें कांट्रेक्ट भी दिए गए,  ऐसा क्यों किया गया। बीजेपी अध्यक्ष का सवाल था, ‘आरजीएफ़ को जवाहर भवन के नाम पर करोड़ों की ज़मीन लीज पर क्यों दी गई। आरजीएफ़ के खातों की सीएजी ऑडिटिंग क्यों नहीं हुई और आरटीआई के तहत आरजीएफ़ की जांच क्यों नहीं हो सकती।’ 

नड्डा ने आरोप लगाया था कि 1991 की बजट स्पीच में मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए आरजीएफ़ को 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। उन्होंने पूछा था कि मेहुल चौकसी से आरजीएफ़ का क्या रिश्ता है और कांग्रेस ने चौकसी को लोन देने में किस तरह से मदद की है। 

देश से और ख़बरें
लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों को निराधार बताया था और कहा था कि यह पैसा जनकल्याण के कामों मे इस्तेमाल किया गया था। 
पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि चीनी दूतावास से मिले 1.45 करोड़ रुपये को राजीव गांधी फ़ाउंडेशन द्वारा दिव्यांगों के कल्याण और भारत-चीन संबंधों पर शोध के लिए ख़र्च किया गया था। कांग्रेस ने यह भी कहा था कि बीजेपी ये मुद्दा इसलिए उठा रही है क्योंकि वह असली मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें