शाह के मंत्री बनने के बाद संभावना जाहिर की जा रही है कि जे. पी. नड्डा को बीजेपी अध्यक्ष बनाया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है।
माना जाता है कि एस. जयशंकर का काम करने का तरीक़ा प्रधानमंत्री मोदी को काफ़ी पसंद है। यही कारण है कि पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह को 2015 में अनपेक्षित रूप से हटा कर एस. जयशंकर को विदेश सचिव बनाया गया था। इसके लिए कई वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी कर जयशंकर को उस पद पर नियुक्त किया गया था। उनके काम करने की क्षमता पर संदेह नहीं रहा। अभी यह साफ़ नहीं है कि जयशंकर ने बीजेपी की सदस्यता ली है या नहीं।