आरटीआई, एनआईए जैसे क़ानून में धड़ाधड़ संशोधन क्यों?
एक के बाद एक क़ानून में लगातार संशोधन क्यों किए जा रहे हैं। आरटीआई, एनआईए, यूएपीए क़ानून में संशोधन से पहले क्या पूरी चर्चा हो रही है? इमर्जेंसी तो नहीं लगी है, लेकिन लोग क्यों कह रहे हैं कि यह उससे कम भी नहीं है। ऐसे ज्वलंत हालात पर देखिए 'रिटायर्ड आईएएस राजू शर्मा से शीतल के सवाल'।