धार में कमाल मौला मसजिद और भोजशाला
जानवरों की आकृतियों में शेर, हाथी, घोड़े, कुत्ते, बंदर, साँप, कछुए, हंस और पक्षी शामिल हैं। पौराणिक आकृतियों में कीर्तिमुख (शानदार चेहरे) और व्याल (मिश्रित जीव) के विभिन्न रूप शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंसानों और जानवरों की कई छवियों को विरूपित या उकेरा गया है, खासकर उन इलाकों में जहां अब मसजिद खड़ी हैं।
एएसआई की रिपोर्ट बताती है कि भोजशाला कभी एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक केंद्र था, जिसे राजा भोज ने स्थापित किया था। बरामद कलाकृतियों से पता चलता है कि वर्तमान संरचना पहले के मंदिरों के हिस्सों का इस्तेमाल करके बनाई गई थी।