लता मंगेशकर ने लगभग एक सदी तक भारतीय उपमहाद्वीप में कलाकारों की अनगिनत पीढ़ियों को प्रभावित किया। तारीफ के अन्य विशेषणों के बीच यह कहना हास्यास्पद होगा कि लता मंगेशकर प्रतिभाशाली थीं। सिर्फ इसलिए कि वह लता मंगेशकर थीं - मोजार्ट, बाख या बीथोवेन की तरह, लता मंगेशकर उत्कृष्टता का एक उपनाम हैं। आने वाले दशकों तक यह नाम अमिट रहेगा।


 उनकी प्रतिभा हर गीत के साथ उनके संबंध बताती थी, एक ऐसा कनेक्शन जो उनके श्रोताओं को भी बांधे रखता था। गीत-संगीत अनिवार्य रूप से सबसे अच्छा तब बन जाता था, जब उसमें लता की आवाज घुल जाती थी। एक कलाकार इतना विशिष्ट और असंभव रूप से विपुल, कैसे हो सकता है, लता के गायन और जिन्दगी इसे बयान करती है।