सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े और प्रमुख मदरसे नदवां में गुरुवार 15 सितंबर को सरकार ने सर्वे और जांच के लिए टीम भेज दी। इसमें एसडीएम, बीएसए और डीएमओ की टीम शामिल है। योगी सरकार ने गुरुवार को ही जवाहर भवन में मदरसा बोर्ड की बैठक बुलाई थी। जिसमें यह फॉर्मेट तय होना था कि किन-किन बिन्दुओं पर मदरसों की जांच होगी। लेकिन उस बैठक से पहले ही सबसे बड़े मदरसे दारुल उलूम नदवा-तुल-उलेमा मदरसे में जांच टीम पहुंच गई है। इस रिपोर्ट के लिखने के समय टीम का सर्वे मदरसे में चल रहा था और कोई आधिकारिक बयान देने से अधिकारियों ने मना कर दिया। नदवां मदरसे के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। नदवां मदरसे से जांच की शुरुआत कर योगी सरकार ने अपना टारगेटेड (लक्षित) संकेत दे दिया है। इस पर दोनों तरफ से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू होगा। जो हिन्दू-मुसलमानों की डिबेट को जिन्दा रखेगा।
लखनऊ में नदवां मदरसे की जांच का मतलब क्या है
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- 29 Mar, 2025
योगी सरकार ने मदरसों की जांच की शुरुआत लखनऊ के नदवां मदरसे से की है। यह सुन्नी मुसलमानों का बहुत बड़ा सेंटर भी है। जहां पर इस विचारधारा की पढ़ाई भी होती है। देश की आजादी की लड़ाई में इस मदरसे का योगदान रहा है। आखिर इस मदरसे की जांच का क्या अर्थ है।
