loader

अफ़ग़ानिस्तान पर उच्च स्तरीय बैठक, मोदी, डोभाल मौजूद

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्जे़ के तीन हफ़्ते बाद भी भारत सरकार ने अफ़ग़ान नीति स्पष्ट नहीं की है और 'इंतजार करो और देखो' की नीति पर चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सोमवार को बैठक की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी मौजूद थे।

यह बैठक ऐसे समय हुई है जब पाकिस्तानी खुफ़िया एजेन्सी आईएसआई ने काबुल जाकर तालिबान नेताओं और दूसरों से मुलाक़ात की है। 

ख़ास ख़बरें

इस बैठक में क्या बात हुई, यह पता नहीं चल सका है। लेकिन, समझा जाता है कि भारत सरकार की नज़र अभी भी तालिबान का विरोध कर रहे नॉदर्न अलायंस पर टिकी हुई है। समझा जाता है इस नेतृत्व के लोग ताज़िकस्तान चले गए हैं। 

प्रधानमंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान को केंद्र में रख कर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। 

यह समूह अफ़ग़ानिस्तान के घटनाक्रम पर नज़र टिकाए हुए है और हर चीज का ध्यान रख रहा है। आज की बैठक इसी सिलसिले में थी और अब तक की प्रगति की समीक्षा व आगे क्या किया जाए, इस पर फ़ैसले के लिए की गई थी। 

यह बैठक तीन घंटे तक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में इस पर चर्चा हुई कि अभी भी अफ़ग़ानिस्तान में फँसे भारतीय नागरिक और भारत आने को इच्छुक अफ़ग़ान, ख़ास कर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को वहाँ से कैसे निकाला जाए।

आईएसआई की बढ़ती दिलचस्पी

पर्यवेक्षकों का कहना कि भारत अफ़ग़ानिस्तान मामले में पाकिस्तानी खुफ़िया एजेन्सी आईएसआई की बढ़ती दिलचस्पी से परेशान है। आईएसआई प्रमुख ने जिस तरह काबुल का दौरा किया और खुले आम तालिबान के नेताओं से मुलाक़ात की, उससे यह साफ है कि वह अब खुल कर हस्तक्षेप कर रहा है। 

narendra modi, ajit doval at meet on afghanistan taliban - Satya Hindi
काबुल में आईएसआई प्रमुख फ़ईज़ हमीदtwitter

भारत को आशंका है कि आईएसआई तालिबान का इस्तेमाल भारत के हितों के ख़िलाफ़ न करे। हालांकि तालिबान ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन से किसी देश के ख़िलाफ़ कोई गतिविधि करने की इजाज़त नहीं होगी, पर भारत पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो पा रहा है। 

बीते दिनों भारतीय विदेश विभाग के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यही कहा था कि भारत का पूरा ध्यान इस समय इसी पर है कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का प्रयोग भारत के ख़िलाफ़ न हो।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें