महिलाएं चाहे वे दफ़्तर जाती हों या हाउसवाइफ़, उनकी मुश्किलों को समझने और उनकी मदद के लिए बनाए गए राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से लेकर इसकी सदस्य तक ऐसे बयान देती रही हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी द्वारा बदायूं में महिला के साथ हुई बर्बरता को लेकर दिए गए बयान के कारण आयोग की आलोचना हो रही है।
चंद्रमुखी देवी ने बदायूं में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘किसी के प्रभाव में महिला को समय-असमय नहीं पहुंचना चाहिए। मैं सोचती हूं कि अगर शाम के समय वह महिला नहीं गई होती या परिवार का कोई बच्चा साथ में होता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती।’ उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए पहले से योजना बनाई गई थी क्योंकि महिला को फ़ोन करके बुलाया गया था, वह चली गई और बेहद ख़राब हालत में लौटी। चंद्रमुखी देवी ने बदायूं पहुंचकर पीड़ित परिवार और एसएसपी से मिलकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं।























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