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सांसदों का निलंबन: संसद के दोनों सदनों में हुआ हंगामा, कामकाज बाधित

राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा तूल पकड़ गया है। विपक्ष ने इसे सरकार की तानाशाही बताया है तो सरकार अपने रूख़ पर अड़ी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। इस वजह से दोनों सदनों में कार्यवाही को कई बार और फिर दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा। उधर, विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद परिसर में प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन में कई दलों के सांसद शामिल रहे। 

लोकसभा में इस मुद्दे के अलावा विपक्षी सांसदों ने एमएसपी पर बिल लाए जाने की मांग की और किसानों के मुद्दों को लेकर नारेबाज़ी भी की। 

बीते दिन भी इस मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ था और दोनों सदनों की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा था। राज्यसभा से कुछ विपक्षी दलों ने वॉक आउट भी कर दिया था।  

सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्ष ने मंगलवार को भी संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान सांसदों ने लोकतंत्र में हिटलरशाही नहीं चलेगी और लोकतंत्र की हत्या मत करो जैसे कई नारे लगाए।

Opposition protest demands revocation of suspension of Rajya Sabha MPs  - Satya Hindi

सरकार माफ़ी की शर्त पर अड़ी 

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा था कि सांसदों का निलंबन बिलकुल ग़लत फ़ैसला है और इसे वापस लिया जााना चाहिए। उन्होंने कहा था कि माफ़ी मांगने का सवाल ही नहीं है। लेकिन राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने खड़गे की अपील को ठुकरा दिया और कहा कि सांसदों ने अपने व्यवहार को लेकर ख़ेद नहीं जताया है, इसलिए वह उनकी अपील पर विचार नहीं करेंगे। 

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि यदि ये 12 सांसद अभी भी अपने ख़राब व्यवहार के लिए सभापति और सदन से माफी मांग लें, तो हम इस मामले को बंद करने के लिए तैयार हैं। 

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क्यों हुआ निलंबन?

सांसदों के निलंबन के पीछे पिछले यानी मॉनसून सत्र में किए गए ख़राब व्यवहार को कारण बताया गया है। मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में खासा हंगामा हुआ था। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के वेल में आने की वजह से मार्शल्स को बुलाया गया था और उनकी कुछ सांसदों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। यह घटना 11 अगस्त को हुई थी। 

    • निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह हैं। 
    • टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री। 
    • शिव सेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई। 
    • सीपीएम से एलमारम करीम सीपीआई से बिनॉय विश्वम शामिल हैं। 
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