राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने वाले बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही ये क़ानून पूरी तरह रद्द हो गए हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी बीते सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का बिल लोकसभा और राज्यसभा में रखा था और यह दोनों सदनों से पास हो गया था।
बीते बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में इन क़ानूनों को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। इन क़ानूनों का किसानों और विपक्ष ने जोरदार विरोध किया था और आख़िरकार सरकार को इस मुद्दे पर बैकफ़ुट पर आना ही पड़ा।

















_bill_2025.png&w=3840&q=75)





