नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक ट्वीट किया और सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। राहुल का ट्वीट आने के बाद विदेश मंत्रालय हरकत में आया और उसने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान को राहुल गांधी गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। यह घटना शनिवार को इसलिए सामने आया, क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उन्हें रात 2.30 बजे पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने फोन करके भारत के हमले की जानकारी दी। भारत के वैकल्पिक मीडिया यानी कुछ यूट्यूब चैनलों ने एस जयशंकर का बयान चला दिया कि जिसमें विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत ने हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। सवाल पूछा गया कि आप जब दुश्मन के आतंकी ठिकानों पर हमला करेंगे तो क्या उनको बताएंगे, जिससे कि वो तैयारी कर लें। अब यह बड़ा मुद्दा बन गया है। जयशंकर के वीडियो मौजूद हैं। लेकिन सरकार स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

पहले जानिए कि राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर अपने ट्वीट में क्या कहा- "हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। इसे अधिकृत किसने किया? इसकी वजह से हमारी वायुसेना को कितने विमानों का नुकसान हुआ?" राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ विदेश मंत्री का एक वीडियो बयान भी शेयर किया है।

विदेश मंत्री का यह बयान बहुत साफ है कि भारत ने पाकिस्तान को हमले से पहले सूचित किया था। लेकिन अब पूरी सरकार तथ्यों पर पर्दा डालने में जुट गई है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को सोशल मीडिया पर उन दावों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीकार किया है कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले पाकिस्तान को सतर्क कर दिया था। मंत्रालय ने इन रिपोर्टों को पूरी तरह से गलत बताया।

मंत्रालय के एक विभाग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, "विदेश मंत्री ने कहा था कि हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी, जो स्पष्ट रूप से ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद का शुरुआती चरण है।" बयान में कहा गया, "इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है कि यह शुरुआत से पहले की बात है। तथ्यों को पूरी तरह से गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।"

जयशंकर ने गुरुवार (15 मई) को यह टिप्पणी भारत द्वारा पाकिस्तान को यह बताए जाने के संदर्भ में की थी कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन 7 मई को किए गए सैन्य हमले पाकिस्तानी सेना को नहीं, बल्कि आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए थे।

जयशंकर का जब गुरुवार को बयान आया तो राहुल गांधी ने उसी दिन सवाल कर दिया था। लेकिन सरकार ने उस दिन इसे टाल दिया और बचने की कोशिश की। राहुल ने जयशंकर के बयान के बाद गुरुवार को यह "एक अपराध" है कि "हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित किया गया था" और पूछा कि इसकी वजह से भारतीय वायुसेना को कितने विमानों की क्षति हुई।

सोशल मीडिया से लेकर अखबारों में जो प्रमाण मौजूद हैं। उसके मुताबिक जयशंकर ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा था, "ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम आतंकियों के ठिकानों पर प्रहार कर रहे हैं, सेना पर नहीं। इसलिए उनके पास यह विकल्प था कि वे इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें। लेकिन उन्होंने यह सलाह नहीं मानी।"

जयशंकर 7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई द्वारा पाकिस्तानी डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला को की गई कॉल का जिक्र कर रहे थे।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने पाकिस्तानी अधिकारी को बताया था कि भारत ने "सावधानी से चुने गए" आतंकी लक्ष्यों पर हमला किया था, न कि सैन्य लक्ष्यों पर। साथ ही, पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया था कि यदि वह बातचीत करना चाहे, तो भारत तैयार है।

राफेल पर क्या कहाः 11 मई को डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल घई और नौसेना के डायरेक्टर जनरल वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा था कि वे ऑपरेशन सिंदूर में किसी भारतीय विमान के नुकसान पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे, क्योंकि यह एक युद्ध स्थिति थी। उनसे पूछा गया था कि कितने विमान गिरे। उन्होंने कहा कि युद्ध में नुकसान होना स्वाभाविक है, लेकिन भारतीय सेना ने अपने सभी टारगेट को प्राप्त कर लिया है और सभी वायुसेना पायलट सुरक्षित घर लौट आए हैं।

खासबात ये है कि पीआईबी ने उस दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रेसनोट जारी किया था। लेकिन पीआईबी की फैक्ट चेकिंग यूनिट ने भी जयशंकर के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है और उसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। लेकिन राहुल गांधी ने एस. जयशंकर का वीडियो जारी करके सरकार की असलियत सामने ला दी है।