जवाहर लाल नेहरू और बाबरी मस्जिद को लेकर चलाए जा रहे बीजेपी और खासतौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नैरेटिव पर कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सरदार वल्लभभाई पटेल की बेटी मणिबेन पटेल की गुजराती डायरी के उन अंशों की प्रति सौंपी, जो एक किताब में प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने राजनाथ सिंह से कहा कि इन अंशों में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए सार्वजनिक कोष से पैसा खर्च करना चाहते थे।
जैसे ही राजनाथ सिंह अपनी गाड़ी से संसद के मकर द्वार के बाहर उतरे, जयराम रमेश उनसे मिले। रमेश ने कहा कि वे खास तौर पर उनके लिए मणिबेन पटेल की मूल गुजराती डायरी के अंश लाए हैं। इस पर भाजपा नेता ने जवाब दिया, “हमारे पास इसका अंग्रेजी अनुवाद है।” 
जयराम रमेश ने गुजराती में मूल डायरी अंशों वाली किताब की कॉपी और उसका हिंदी अनुवाद दोनों सौंपते हुए कहा कि इसे पढ़ लीजिए। राजनाथ सिंह, जो मकर द्वार की ओर बढ़ रहे थे, ने कहा कि उन्हें गुजराती नहीं आती। कांग्रेस नेता ने दोहराया कि इन डायरी अंशों में कहीं नहीं लिखा है कि नेहरू बाबरी मस्जिद सार्वजनिक धन से बनवाना चाहते थे।
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पिछले हफ्ते ही कांग्रेस ने मणिबेन पटेल की डायरी के अंश साझा कर राजनाथ सिंह के दावे का खंडन किया था और उनसे “झूठ फैलाने” के लिए माफी मांगने को कहा था। जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने रिश्ते सुधारने के लिए झूठ बोल रहे हैं।
रमेश ने X पर लिखा था, “यहाँ मणिबेन की मूल गुजराती डायरी का अंश है – पेज 212-213, किताब ‘समर्पित पगचाप सरदारनो’ (लेखक: सीए आर एस पटेल ‘आरेश’), प्रकाशक: सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक सोसाइटी, 2025।” उन्होंने किताब के संबंधित पेजों के स्क्रीनशॉट भी साझा किए थे। उन्होंने कहा था, “मूल डायरी में जो लिखा है और राजनाथ सिंह जी तथा उनके साथी ‘डिस्टोरियन’ (इतिहास तोड़ने-मरोड़ने वाले) जो प्रचार कर रहे हैं, उसमें जमीन-आसमान का फर्क है।”

कांग्रेस ने पहले भी राजनाथ सिंह के दावे को “झूठ” और “वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी की कहानी” करार दिया था और कहा था कि रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री मोदी के रास्ते पर ना चलें।
गुजरात के वडोदरा जिले के साधली गांव में पिछले मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि नेहरू बाबरी मस्जिद सार्वजनिक धन से बनवाना चाहते थे, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने उनके इस इरादे को सफल नहीं होने दिया।
भाजपा ने सरदार पटेल की बेटी की किताब का हवाला देकर राजनाथ सिंह के दावे को और मजबूत करने की कोशिश की थी। पार्टी ने यह भी कहा था कि नेहरू ने दक्षिण भारत के कुछ मंदिरों की सुंदरता के बावजूद उन्हें देखकर “घृणा” महसूस करने की बात कही थी।
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भाजपा राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि राजनाथ सिंह ने जो बात कही, उसका स्रोत किताब ‘इनसाइड स्टोरी ऑफ सरदार पटेल : डायरी ऑफ मणिबेन पटेल’ है। उन्होंने दावा किया कि किताब के पेज नंबर 24 पर लिखा है कि नेहरू ने बाबरी मस्जिद का मुद्दा भी उठाया था, लेकिन सरदार पटेल ने साफ कर दिया कि सरकार मस्जिद बनाने के लिए एक भी पैसा खर्च नहीं कर सकती।