जाने माने वकील और कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी
संसद के इतिहास में घटी यह पहली घटना चौंकाने वाली है। क्या इसका मकसद सदन का ध्यान बाकी मुद्दों से हटाकर कहीं और लगाना था या फिर कांग्रेस को भ्रष्टाचार के मामले में घेरने की तैयारी थी। निष्पक्ष जांच से ही कुछ पता चलेगा। लेकिन यह जांच पूरी तरह से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के हाथ में है। जिनके भाजपा-आरएसएस से जुड़ाव और झुकाव पर किसी को शक नहीं है। सदन में भी उनका व्यवहार चर्चा में रहता है।
सिंघवी ने बताया कि "इसके बारे में अब पहली बार सुना। अब तक इसके बारे में कभी नहीं सुना! जब मैं राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का एक नोट ले जाता हूं। मैं दोपहर 12:57 बजे सदन के अंदर पहुंचा और दोपहर 1 बजे सदन से उठा। फिर मैं दोपहर 1:30 बजे तक कैंटीन में बैठा रहा, फिर मैंने संसद परिसर छोड़ दिया।'' उन्होंने कहा कि उन्होंने कल सदन में कुल तीन मिनट और कैंटीन में 30 मिनट बिताए और कहा कि ऐसे मुद्दों पर राजनीति करना "विचित्र" है।