अडानी समूह पर आई
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से देश में हंगामा मचा हुआ है। इस सिलसिले में शुक्रवार
को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय निवेशकों की
सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की और
नियामकीय तंत्र में सुधार पर केंद्र और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)
के विचार मांगे।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की
अध्यक्षता वाली बैंच ने नियामक ढांचे को मजबूत करने पर सुझाव देने के लिए एक समिति
के गठन का भी प्रस्ताव दिया। तीन सदस्यों वाली बैंच में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस
जेबी पारदीवाला भी शामिल थे। कोर्ट आज दो याचिकाओं पर
सुनवाई कर रही थी, इसमें अमेरिका स्थित
शॉर्टसेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की जांच की मांग की गई थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक में हेरफेर
और अकाउंटिंग में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। अडानी समूह ने इन आरोपों से इनकार
किया था।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हम भारतीय निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें, यह हमारी मुख्य चिंता है।
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ‘यहां जो हुआ वह शॉर्ट-सेलिंग था। संभवत: सेबी भी इसकी जांच कर
रहा है। हम यह किसी प्रतिशोध की भावना से नहीं कर रहे हैं। मान लीजिए कि शॉर्ट-सेल
के परिणामस्वरूप, शेयरों का मूल्य
कम हो सकता है। खरीदार को तब इस अंतर का लाभ मिलता है। यह छोटे पैमाने पर हो रहा होता
तो कोई भी परेशान नहीं होता। लेकिन यह बड़े पैमाने पर हो रहा है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय निवेशकों को कई लाख करोड़ रुपये का
नुकसान हुआ है। हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं। क्या हमारे पास कोई मजबूत तंत्र हैं? आज के समय पूंजी का प्रवाह भारत के अंदर और बाहर निर्बाध रूप हो रहा
है। हम भविष्य में यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय निवेशकों की रक्षा हो? हर कोई बाजार में है। अडानी समूह के मामले में नुकसान दस
लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। हम कैसे सुनिश्चित करेंगे कि निवेशक संरक्षित हैं? भविष्य में ऐसा न हो इसको
कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं?
जवाब देते हुए सॉलिसीटर
जनरल ने कहा कि सेबी स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। दोनों याचिकाओं का सुनवाई
की अगली तारीख 13 फरवरी को होगी। सीजेआई ने कहा, 'आप वित्त मंत्रालय के विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं,
लेकिन हमें एक रूपरेखा दीजिए। आप लोग केवल सोच रहे हैं। हम जो भी कहेंगे वह शेयर
बाजार को भी प्रभावित कर सकता है, यह काफी हद तक भावनाओं पर चलता है। इसलिए हम
सतर्क हैं।
इस बीच सेबी अडानी समूह की 2.5 अरब डॉलर की रद्द की गई
शेयर बिक्री में कुछ निवेशकों के साथ अडानी समूह के संबंधों की जांच कर रहा है। हिंडनबर्ग के आरोपों ने
निवेशकों को परेशान कर दिया है जिसके कारण समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के
100 अरब डॉलर से अधिक की
गिरावट आई है। समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अडानी भी दुनिया के तीसरे सबसे
अमीर व्यक्ति से फिसलकर अब 21वें स्थान पर आ
गए हैं।
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