loader

उद्धव ने सांसदों संग किए रामलला के दर्शन, बोले - जल्द बने राम मंदिर

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत तेज़ हो गई है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी सांसदों के साथ रविवार को अयोध्या पहुँचकर रामलला के दर्शन किए। दर्शन करने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि कल से लोकसभा का सत्र शुरू हो रहा है, संसद में जाने से पहले हम सभी ने राम लला का आशीर्वाद लिया है। ठाकरे ने कहा कि हमें इस बात पर पूरा भरोसा है कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण होगा।
इस दौरान शिवसेना के सांसदों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द से जल्द राम मंदिर के निर्माण की माँग उठाई और कहा कि यह शिवसेना ही नहीं बल्कि देश भर के हिंदुओं की आस्था का प्रश्न है। उन्होंने माँग की कि राम जन्मभूमि पर जल्द से जल्द भव्य मंदिर का निर्माण हो। शिवसेना सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास जताते हुए कहा कि अब मंदिर निर्माण में देरी की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले संसद सत्र के बाद इसमें सकारात्मक प्रगति होगी, ऐसा उन्हें विश्वास है। माना जा रहा है शिवसेना राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। 
Shiv Sena chief Uddhav Thackeray MP Ayodhya ram mandir - Satya Hindi
अयोध्या पहुँचे शिवसेना के नेता और सांसद।
लोकसभा चुनाव से पहले भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अयोध्या में नारा दिया था- 'पहले मंदिर फिर सरकार'। बता दें कि दोनों दल - बीजेपी और शिवसेना केंद्र व महाराष्ट्र की सरकार में साझीदार हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि दोनों के बीच क्या इस मुद्दे पर आपसी सहमति का अभाव है। अगर नहीं है तो फिर शिवसेना के सभी सांसदों को आख़िर क्यों अयोध्या लाया जा रहा है? 
कहीं अयोध्या का यह दौरा महाराष्ट्र में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दबाव बनाने की राजनीति तो नहीं है? यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों दलों के बीच अब तक सीटों के बँटवारे पर स्थिति साफ़ नहीं हो पाई है और इस पर पेच फँसा हुआ है।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी और शिवसेना के बीच राम मंदिर को लेकर कोई मतांतर नहीं है। राउत ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले अयोध्या दौरे में हमने सरकार पर मंदिर को लेकर दबाव बनाया था। उन्होंने कहा कि नारा दिया था ‘पहले मंदिर फिर सरकार’। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की प्रचंड जीत से साफ़ हो गया है कि अब मोदी सरकार के कार्यकाल में मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे इसकी तैयारी चल रही है। राउत के बयान से, उद्धव की यह यात्रा कितनी ग़ैर राजनीतिक है इसका अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है।
ताज़ा ख़बरें

सीट बँटवारे को लेकर फँसा है पेच?

विधानसभा चुनाव को लेकर वैसे भी सीटों के बँटवारे को लेकर दाँव-पेच शुरू हो गए हैं। बीजेपी के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में 135:135 सीटों का फ़ॉर्मूला ज़ाहिर करना शिवसेना को शायद नागवार गुजरा है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के समय शिवसेना की तरफ़ से कहा गया था कि वह और बीजेपी 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 140:140 सीटों पर लड़ेंगी तथा 8 सीटें निर्दलीय विधायकों के लिए छोड़ी जायेंगी जो वर्तमान में सरकार का हिस्सा हैं। लेकिन 135:135 के फ़ॉर्मूले से नयी बहस छिड़ गयी है। इस बहस के पीछे जो एक और कारण है - वह है बीजेपी 2014 के चुनाव में अपनी सहयोगी पार्टियों रामदास आठवले की आरपीआई, महादेव जानकर की राष्ट्रीय समाज पक्ष और विनायक मेटे की शिवसंग्राम पार्टी को 10 सीटें देना चाहती है।बीजेपी इन पार्टियों के प्रत्याशियों को अपने चुनाव चिन्ह पर लड़वाती है जिसका परिणाम यह होता है कि वे आधिकारिक तौर पर उसी के विधायक माने जाते हैं। बीजेपी चाहती है कि इसके लिए 5 सीट वह ख़ुद छोड़ेगी और 5 सीट शिवसेना छोड़े।

‘अगला चुनाव मंदिर पर आख़िरी चुनाव होगा’

अयोध्या पहुँचने पर संजय राउत ने पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। किसी विवाद की संभावना को दरकिनार करते हुए राउत ने कहा था, ‘पीएम मोदी व शिवसेना की भारी जीत में मंदिर मुद्दे की कोई भूमिका नहीं रही। यह चुनाव मंदिर मुद्दे को अलग रख कर जीता गया है। अब हमें पूरा भरोसा है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। अगला चुनाव मंदिर पर आख़िरी चुनाव होगा। मंदिर पर फ़ैसले की घड़ी क़रीब है। यह काम मोदी, योगी के साथ हम मिल कर पूरा करेंगे।’
देश से और ख़बरें
लोकसभा चुनावों से पहले भी राम मंदिर निर्माण को लेकर साधु-संतों ने आक्रामक रुख दिखाया था और सरकार से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ करने के लिए कहा था। मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में मंदिर निर्माण के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठा पायी थी। इसका प्रमुख कारण यह भी था कि राम जन्मभूमि का विवाद अभी सुप्रीम कोर्ट में है। ज़ाहिर है कि सरकार अगर कोई भी क़दम उठाती तो सुप्रीम कोर्ट से उसका टकराव हो सकता था। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने जब एक इंटरव्यू में कहा था कि इस मामले में सरकार कोर्ट के फ़ैसले का इंतजार करेगी तो इससे साधु-संत और राम मंदिर के समर्थक अपना धीरज खोने लगे थे। विश्व हिन्दू परिषद और संघ के कई नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। अब जब एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आ चुकी है तो राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं और इस बारे में मोदी सरकार कोई क़दम उठाएगी या अदालत के फ़ैसले का इंतजार करेगी, इसे लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें