सुप्रीम कोर्ट ने उन विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने में देरी को लेकर महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर को कड़ी फटकार लगाई है, जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना छोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बाग़ी गुट के साथ गठबंधन कर गए थे। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे समूहों से जुड़े मामले में सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि स्पीकर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक विलंबित नहीं कर सकते हैं और कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।
शिवसेना केस- अयोग्यता पर स्पीकर अनिश्चितकाल तक देरी नहीं कर सकते: SC
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- 18 Sep, 2023
शिवसेना में विद्रोह के बाद विधायकों की अयोग्यता का मामला आख़िर इतने समय तक क्यों लटका है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के स्पीकर पर क्या टिप्पणी की।

अदालत ने नार्वेकर को चेतावनी दी कि वह ज़िम्मेदारी से भागते नहीं रह सकते हैं और यह जानना चाहा कि अदालत के 11 मई के फ़ैसले के बाद क्या कार्रवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में उन्हें सही समय के भीतर याचिकाओं पर फैसला देने के लिए कहा था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने नार्वेकर की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा- 'मिस्टर एसजी, उन्हें निर्णय लेना है। वह ऐसा नहीं कर सकते। अदालत के 11 मई के फ़ैसले के बाद स्पीकर ने क्या किया?'