अयोध्या में बीजेपी के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने व्यक्तिगत रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विश्व विख्यात पर्यटन स्थल ताज महल के 22 कमरों को खोले जाने की मांग की थी। रजनीश सिंह ने कहा था इन 22 कमरों के बारे में कहा जाता है कि यहां पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। यानी रजनीश सिंह ने अपनी याचिका के तथ्य सुनी सुनाई बातों के आधार पर दिए थे। रजनीश ने मांग की थी कि एएसआई (भारतीय पुरातत्व संग्रह) से जांच की मांग की थी। 


जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्धार्थी ने याचिकाकर्ता को फटकारते हुए कहा कि कल को आप कहेंगे कि हमें जज के चेंबर में जाना है तो क्या आपको अनुमति दी जाएगी। आज जाएं थोड़ा इस बारे में रिसर्च करें। एमए करें। आपको इस विषय पर कोई शोध करने से रोकता है तो अदालत को बताएं। गुरुवार को दोपहर बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई दोबारा की और याचिका को खारिज कर दिया।
 

हालांकि यह याचिका रजनीश सिंह ने व्यक्तिगत रूप से दायर की है, लेकिन चूंकि वो देश की सत्तारूढ़ पार्टी के एक जिम्मेदार पदाधिकारी हैं, इसलिए लोगों ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी में लिखा है कि यह सब खुराफात देश की सबसे बड़ी पार्टी करा रही है, ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी की तरफ न जाए।