विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने यूएन मानवाधिकार के उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य 2 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के संबंध में टिप्पणी देखी है। टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित हैं और भारत की स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली में हस्तक्षेप करती हैं। बागची ने कहा कि भारत में तमाम एजेंसियां न्यायिक प्रक्रियाओं के अनुसार कानून के उल्लंघन पर सख्ती से काम करती हैं। इस तरह की कानूनी कार्रवाइयों को उत्पीड़न के रूप में पेश करना भ्रामक और अस्वीकार्य है।