दिल्ली में कम से 13 सीटें ऐसी हैं, जहां आप सिर्फ कांग्रेस की वजह से हारी है। इन सीटों पर कांग्रेस ने आप के वोट काटे। आप की इज्जत कुछ मुस्लिम मतदाता बहुल सीटों पर बच सकी। जहां उन्होंने आप को जिताया। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की वजह से भी आप को एक सीट खोना पड़ी। हालांकि नुकसान कांग्रेस का भी हुआ। उसके वोट मुस्तफाबाद और ओखला में बंट गये।
संपादकीय में दावा किया गया कि पिछले साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी, जिसमें भी भाजपा ने जीत हासिल की थी। इसमें पूछा गया कि क्या कांग्रेस के भीतर के आंतरिक तत्वों ने जानबूझकर राहुल गांधी के नेतृत्व को कमजोर किया है।
सामना ने लिखा- ''अन्ना हजारे मोदी सरकार के कथित भ्रष्टाचार पर चुप रहे, जिसमें राफेल सौदे और अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के विवाद भी शामिल हैं। मोदी का तथाकथित अमृतकाल केवल धोखे और भ्रष्टाचार पर आधारित है। उन्होंने सभी संदिग्ध लोगों को एक साथ इकट्ठा किया है और महाराष्ट्र के साथ-साथ देश में भी शो चला रहे हैं।''