पिछले कुछ समय से राजनीतिक हलचल बहुत तेज थी और इतना शोरगुल था कि आर्थिक मंदी की पदचाप हल्की सुनाई दे रही थी, विपक्ष से भी कुछ आवाजें आ रहीं थीं। हालाँकि वित्त मंत्री द्वारा आर्थिक जगत के लिए कुछ बड़ा किए जाने का इशारा भी आ रहा था। फिर वित्त मंत्री अपने सभी वरिष्ठ सहयोगियों के साथ प्रेस के सामने आईं और बड़े ही सिलसिलेवार तरीक़े से समस्याओं, संबंधित पक्षों की राय और समाधान पर अपनी घोषणाएँ की, अस्तु।