वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया है सरकारी बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये दिए जाएँगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया है कि रेपो रेट यानी जिस दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देता है, उसे बैंक दरों से जोड़ दिया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं को इसका फ़ायदा मिल सके। इसका मतलब यह है कि रिजर्व बैंक यदि ब्याज कम करेगा तो बैंकों को अपनी ब्याज दर घटानी होगी, ताकि फ़ायदा कर्ज लेने वालों को मिल सके। इससे आम जनता को कम मासिक किश्त यानी ईएमआई चुकाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि 70,000 करोड़ रुपए सरकारी बैंकों को दिए जाएँगे। वह सीधे कंपनियों और आम जनता को मिल सकता है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि इससे बैंकों के पास ज़्यादा पैसे होंगे और वे ज़्यादा कर्ज दे सकेंगे। इससे कंपनियों को निवेश में सुविधा होगी।
निर्मला सीतारमण ने यह भी एलान किया कि बैकों को 15 दिन के अंदर कर्ज के आवेदन पर फ़ैसला कर लेना होगा और बता देना होगा। इससे बैंकों की कार्यकुशलता बढ़ेगी और कर्ज लेने वालों की परेशान भी कम होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन उपायों से आम लोगों को घर, गाड़ी और दूसरे कर्ज की मासिक किश्त कम चुकानी होगी।
जीएसटी सुधार
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी प्रणाली में सुधार किया जाएगा। टैक्स स्लैब कम किए जाएँगे, उनमें फेरबदल कर उसका सुधार किया जाएगा। जीएसटी रिटर्न आसान बनाया जाएगा और इसमें एमएसएमई यानी माइक्रो, स्माल और मझोले उद्योगों को जीएसटी रिटर्न 30 दिनों के अंदर मिल जाए, इसका ख़्याल रखा जाएगा। दूसरी कंपनियों को 60 दिनों के अंदर जीएसटी रिटर्न मिल जाएँ, यह सुनिश्चित किया जाएगा।