बैंकों ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में दो लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का क़र्ज़ माफ़ कर दिया है। इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक क़र्ज़माफी सरकारी बैंकों ने किया है।
इस साल बैंकों ने दो लाख करोड़ का क़र्ज़ माफ किया, मोदी सरकार के दौरान 10 लाख करोड़ डूबे
- अर्थतंत्र
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- 13 Dec, 2021
मोदी सरकार के दौरान बीते दस साल में बैंकों ने 11 लाख करोड़ रुपए का क़र्ज़ माफ़ कर दिया, यानी ये पैसे डूब गए। क्यों?
कोरोना महामारी से आर्थिक बदहाली के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों से छह महीने के लोन मोरेटोरियम यानी उस अवधि तक वसूली रोक देने को कहा था।
इस दौरान बैंकों ने 2,02,781 करोड़ रुपए के क़र्ज़ माफ़ कर दिए। दरअसल बैंकों ने बीते 10 साल में 11,68,095 करोड़ रुपए का एनपीए यानी नन परफॉर्मिंग असेट को माफ़ कर दिया। जब किसी क़र्ज़ पर लगातार तीन किश्तों का भुगतान नहीं होता है तो उसे एनपीए कहा जाता है।