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महंगाई अस्वीकार्य रूप से उच्च स्तर पर: RBI गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक ने आज उन बीजेपी नेताओं के दावों को ध्वस्त कर दिया जिसमें वे दावे कर रहे थे कि महंगाई है ही नहीं। केंद्रीय बैंक के प्रमुख शक्तिकांत दास ने कहा है कि मुद्रास्फीति चरम पर है। उन्होंने कहा कि यह आगे मध्यम होगी, लेकिन मौजूदा स्थिति में यह अस्वीकार्य रूप से उच्च स्तर पर है।

आरबीआई गवर्नर का यह बयान तब आया है जब वह देश की मौद्रिक नीति की घोषणा कर रहे थे। आरबीआई ने आज एक बार फिर से रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है। अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है। पिछले कुछ महीनों के अंदर रेपो रेट में यह तीसरी बढ़ोतरी है। बता दें कि आरबीआई जिस रेट पर दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब होता है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के लोन सस्ते हो जाते हैं जबकि रेपो रेट ज्यादा होने का मतलब है कि लोन चुकाने के लिए आपको ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे।

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मई में रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई थी। 8 जून को भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी हुई थी। रेपो रेट के बढ़ने से घर की ईएमआई यानी होम लोन, गाड़ियों के लिए लिए गए लोन और पर्सनल लोन भी महंगे हो जाएंगे।

इसके साथ ही आरबीआई ने इस वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति यानी महंगाई के 6.7 फ़ीसदी रहने का अनुमान जताया है। इसी दौरान आरबीआई गवर्नर ने देश में महंगाई के उच्च स्तर पर रहने की बात कही। 

लेकिन जब विपक्षी दल महंगाई को मुद्दा बना रहे हैं और संसद में इस पर सवाल पूछ रहे हैं तो सत्ताधारी पार्टी की तरफ़ से ही अलग अलग बयान आ रहे हैं। 

संसद में बहस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद ऐसा स्वीकार कर चुकी हैं, लेकिन संसद में दो दिन पहले ही बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने महंगाई के मुद्दे को ही खारिज कर दिया। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि महंगाई कहीं पर भी है ही नहीं।

जयंत सिन्हा के अजीबो-गरीब बयान ने उन लोगों को और आक्रोशित कर दिया जो पहले से ही परेशान हैं। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो साझा किए गए हैं जिसमें लोग महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी सांसद के बयान पर ग़ुस्से में बात करते दिखाई देते हैं। कुछ लोग तो यह कहते सुने गए कि जयंत सिन्हा जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र ही नहीं आए इसी वजह से वह महंगाई को कोई मुद्दा नहीं मान रहे हैं।

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बीजेपी सांसद के बयान के बाद विपक्ष भी ज़्यादा आक्रामक नज़र आ रहा है। विपक्षी दल डीजल-पेट्रोल से लेकर रसोई गैस, खाने के तेल, दाल जैसे सामानों की क़ीमतें सामने रख रहे हैं।

बता दें कि महंगाई, जीएसटी दरों में बढ़ोतरी, बेरोज़गारी जैसे बड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस शुक्रवार को सड़क पर उतरी है। कांग्रेस सांसदों ने राष्ट्रपति भवन के लिए मार्च निकाला लेकिन उन्हें विजय चौक पर रोक लिया गया। इस मार्च में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित पार्टी के कई सांसद शामिल हुए। सोनिया और राहुल के साथ ही कांग्रेस के सांसद भी काले कपड़े पहन कर मार्च में शामिल हुए। पुलिस ने राहुल गांधी व अन्य कई सांसदों को हिरासत में ले लिया। 

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दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यालय पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री आवास तक मार्च करने का एलान किया था। दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में बैरिकेडिंग लगाई थी और जवानों को तैनात किया था। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता बैरिकेडिंग को तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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