झारखंड में हेमंत सोरेन ने सत्ता की बागडोर संभाल ली है। गुरुवार, 28 नवंबर को राज्य में 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपथ लेने के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। कोयला कंपनियों पर राज्य सरकार के एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाए की वसूली के लिए केंद्र सरकार/केंद्रीय उपक्रमों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य में सामाजिक सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए अपना आर्थिक स्रोत बढ़ाने की ज़रूरत है। इससे पहले पिछले दो अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड दौरे से ठीक पहले हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र जारी किया था। इसके जरिए सोरेन ने कोयला कंपनियों पर राज्य सरकार का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाए के दावे के साथ कहा था कि झारखंड का यह हक कब मिलेगा? उन्होंने एक पोस्ट में लिखा था, “ये हक समस्त झारखंडियों का है। यह हमारी जमीन और मेहनत का पैसा है। इसे मांगने पर बिना किसी कारण मुझे जेल में डाला गया।”