कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार द्वारा सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण देने का फ़ैसला एक बार फिर सुर्खियों में है। यह प्रस्ताव कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स यानी केटीपीपी एक्ट, 1999 में संशोधन के ज़रिए लागू करने की योजना है। डीके शिवकुमार ने कहा है कि मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन भी कर सकते हैं। बीजेपी ने इसे 'मुस्लिम तुष्टिकरण' करार देते हुए सिद्धारमैया सरकार पर तीखा हमला बोला है। संसद में भी सोमवार को इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बहस हुई।
क्या कर्नाटक में मुस्लिमों को आरक्षण धर्म के आधार पर दिया जा रहा? जानें सच!
- कर्नाटक
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- 24 Mar, 2025
कर्नाटक में मुस्लिमों को दिए गए आरक्षण को लेकर बीजेपी ने सिद्धारमैया सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। क्या यह आरक्षण वास्तव में धर्म के आधार पर दिया गया है? जानिए सच्चाई।

कर्नाटक में मुस्लिमों को आरक्षण देने पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कांग्रेस का रुख साफ करने को कहा। संसद में इस पर जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी का कहना है कि यह क़दम संविधान के ख़िलाफ़ है, क्योंकि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन क्या वाक़ई यह आरक्षण धर्म के आधार पर है? और बीजेपी इसे क्यों तुष्टिकरण का मुद्दा बना रही है? साथ ही, भारत के अन्य राज्यों में मुस्लिमों को मिले आरक्षण की स्थिति क्या है? आइए, इसकी गहराई से पड़ताल करते हैं।