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एमपी: उपचुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका देने की तैयारी में सिंधिया

पहले ख़ुद और फिर अपने डेढ़ दर्जन समर्थक विधायकों का कांग्रेस से नाता तुड़वाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के साथ ‘एलान-ए-जंग, पार्ट टू’ की घोषणा कर दी है। इस बार अंतर इतना है कि सिंधिया कांग्रेस के ‘सीने’ पर वार करने की तैयारी में हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर मध्य प्रदेश बीजेपी 22 अगस्त से ग्वालियर-चंबल संभाग में ‘सदस्यता अभियान’ चलाने जा रही है। क्षेत्र में यह अभियान तीन दिन तक चलेगा।

विधानसभा उपचुनावों के ठीक पहले बीजेपी और सिंधिया की कोशिश, इस अभियान में कांग्रेसियों का थोकबंद दल-बदल कराकर उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाने की है। बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल संभाग के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किये जाने वाले सदस्यता अभियान कार्यक्रमों की तारीख़ के साथ वक्त भी घोषित कर दिया है। बीजेपी ने दावा किया है कि अभियान के दौरान हजारों कांग्रेसियों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जायेगी।

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25 हज़ार का दावा!

बीजेपी ने पार्टी ज्वाइन करने वाले कांग्रेसियों की संभावित संख्या 10 हज़ार से ज्यादा बताई है। उधर, सिंधिया समर्थक दावा कर रहे हैं कि 22 अगस्त को ग्वालियर में पहले ही दिन कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वालों की संख्या 10 हज़ार के ऊपर होगी। सिंधिया समर्थक ग्वालियर के साथ चंबल क्षेत्र में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ आने वालों की संभावित संख्या 25 हज़ार के आसपास हो जाने का दावा कर रहे हैं।

‘सदस्यता अभियान’ में पहले दिन केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई बड़े नेता शामिल रहेंगे।

मध्य प्रदेश में कुल 27 सीटों पर उपचुनाव होना है। उपचुनाव सितंबर में संभावित हैं। कुल 27 उपचुनाव वाली सीटों में सबसे ज्यादा 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग से हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में ये सीटें सिंधिया की ही बदौलत कांग्रेस को मिली थीं।

सूत्रों का कहना है कि सिंधिया ने तय कर लिया है ग्वालियर-चंबल संभाग से दूसरे बड़े झटके के बाद वे उन अन्य विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पुरानी पार्टी (कांग्रेस) को सियासी रूप से पस्त करेंगे, जहां उपचुनाव होना है।

सिंधिया बने मुसीबत 

प्रेक्षक मानते हैं कि सिंधिया का अपना वजूद है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार उन्हीं की बदौलत बन पायी थी। कांग्रेस उन्हें सहेज कर नहीं रख पायी। आवश्यकता पड़ने पर कांग्रेस के ख़िलाफ़ मैदान में उतरने की सिंधिया की घोषणा का कमलनाथ ने मज़ाक बनाया था और यही मज़ाक अब कांग्रेस के लिए प्रदेश में नासूर बन चुका है।

‘कैश’ कराने की कोशिश 

ज्योतिरादित्य सिंधिया की छवि को ‘कैश’ कराने में बीजेपी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि सिंधिया जो कह और चाह रहे हैं, वह सब बीजेपी कर रही है।

उपचुनाव से पहले ही कांग्रेस को 'चारों खाने चित्त' करने की तैयारी वाले इस अभियान में केन्द्रीय मंत्री तोमर से लेकर शिवराज तक का जुड़ना साफ करता है कि बीजेपी की रणनीति ‘महाराज’ के जरिये ग्वालियर-चंबल संभाग से कांग्रेस का वजूद पूरी तरह से मिटाने की है।

पीएम मोदी को लाने की तैयारी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश बीजेपी, उपचुनावों के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्वालियर लाने की तैयारी में है। आठ हज़ार करोड़ से ज्यादा की लागत वाले चंबल एक्सप्रेस-वे का भूमि पूजन उपचुनाव के पहले मध्य प्रदेश सरकार और प्रदेश बीजेपी, करा लेना चाहती है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चंबल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखने के अनुरोध के लिए इसी सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की तैयारी में हैं। शिवराज और मध्य प्रदेश बीजेपी इस जुगत में हैं कि एक्सप्रेस-वे का श्रेय सिंधिया को भी दिया जाये, जिससे उपचुनाव में सिंधिया और बीजेपी के पक्ष में नया माहौल बने।

कांग्रेस में मची खलबली

सिंधिया और बीजेपी के आक्रामक तेवरों के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में खलबली मची हई है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस खेमे की चुनावी व्यूह रचना को अमली जामा पहनाने में जुटे नेता सबसे ज्यादा चिंतित हैं। बड़े चेहरों को बीजेपी में जाने से रोकने की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी गई है। ग्वालियर-चंबल संभाग में बड़ा चेहरा सिंधिया रहे हैं। वे जहां होते हैं, ‘कांग्रेस’ वहीं होती है।

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सवाल यह उठाया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के ‘चक्रव्यूह’ को कौन भेद पायेगा? कांग्रेस के ही कुछ दिलजले नेता प्रश्न उठा रहे हैं कि ‘कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जब मध्य प्रदेश कांग्रेस की धरोहर माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अपने ही दो दर्जन विधायकों को बीजेपी में शामिल होने से नहीं रोक पाये तो कांग्रेस के अदने सिपाही ग्वालियर-चंबल संभाग में बचे-खुचे अच्छे चेहरों को आखिर कैसे रोक पायेंगे?’

वे कार्यकर्ता जो कांग्रेस पार्टी और इसकी विचारधारा के प्रति समर्पित हैं, किसी के भी प्रभाव में नहीं आयेंगे। गद्दार, बिकाऊ और चापलूसों का कब तक और कहां तक स्थायित्व होगा, वह तो ईश्वर भी नहीं बता सकते।


के.के.मिश्रा, प्रवक्ता, मध्य प्रदेश कांग्रेस

विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़े झटके की सिंधिया और बीजेपी की तैयारी से जुड़े प्रश्न के जवाब में मिश्रा ने कहा, ‘चापलूस किस्म के कांग्रेसियों के बीजेपी में चले जाने से ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस के चुनावी अभियान पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’

मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा, ‘जो लोग पहले भी गुलाम थे उन्हें आज भी गुलाम ही रहना पसंद है। वास्तविक कांग्रेसजन कभी भी अपनी विचारधारा और परिस्थितियों से समझौता नहीं करेगा।’

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संजीव श्रीवास्तव
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