loader
प्रतीकात्मक तसवीर

मप्रः अश्लील वीडियो गैंग - पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम, कई मंत्री फँसेंगे!

इंदौर के एक इंजीनियर से तीन करोड़ की अड़ीबाज़ी के आरोप में पकड़े गए ‘हनी ट्रैप’ गिरोह से एक हज़ार अश्लील वीडियो बरामद हुए हैं। बरामद वीडियोज से मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। यह गिरोह राजनेताओं और अफ़सरों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया करता था। मप्र के एक पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई रसूखदारों के वीडियो गिरोह के पास से जब्त की गई हार्ड डिस्क्स में कथित रूप से शामिल होने की सुगबुगाहट है। मध्य प्रदेश के टॉप मोस्ट आईएएस अफ़सर का ऐसा ही अश्लील वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ था।
मध्य प्रदेश की एटीएस पूरे मामले की जांच कर रही है। राज्य के अनेक बड़े चेहरों की कथित काली करतूतें बरामद वीडियोज में शामिल होने की वजह से जांच दल के अफ़सर मीडिया से खुलकर बातचीत करने से बच रहे हैं। जांच दल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने नाम ना छापने की शर्त पर ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘हरेक बरामद वीडियो की सत्यता को परखने के लिए जांच लैब में भेजा गया है।’ संकेतों में सूत्र ने दावा किया, ‘बरामद हुए वीडियोज से जुड़े तथ्य सार्वजनिक होने पर मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी तूफान खड़ा होगा।’
एटीएस ने इस हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं को उठाया है। ये इंदौर और भोपाल में ‘सक्रिय’ थीं। इनके कुछ सहयोगियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।

जिन महिलाओं को पकड़ा गया है, उनमें श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वनिल जैन, बरखा पत्नी अमित सोनी, आरती दयाल और मोनिका यादव शामिल हैं। ओमप्रकाश नामक एक सहयोगी की गिरफ्तारी भी एटीएस ने की है। इनके अलावा दो दर्जन के आसपास लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

इंदौर में हुई है एफ़आईआर

इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने मामले में एफ़आईआर कराई थी। पिछले सप्ताह एफ़आईआर के बाद एटीएस ने पूरा मामला अपने अधीन लिया था और गिरफ्तारियां शुरू की थीं। बताया गया है कि एटीएस को इसकी भनक पिछले साल लग गई थी। एटीएस गिरोह पर नज़र रख रहा था। शिकायत के लिए किसी के आगे नहीं आने से कार्रवाई नहीं कर पा रहा था।

तीन करोड़ रुपये मांगे थे

हनी ट्रैप गिरोह ने हरभजन को लड़कियां ‘भेजी’ थीं और वीडियोज बनाये थे। इसके बाद यह गिरोह हरभजन को ब्लैकमेल कर रहा था। वीडियो ‘नष्ट’ करने के लिए हरभजन से तीन करोड़ रुपये की मांग की गई थी। पहली किश्त के तौर पर 50 लाख रुपये देने के लिए हरभजन की मदद से पुलिस ने गिरोह की सदस्यों को भोपाल से इंदौर बुलावाया था। राशि लेने के लिए इंदौर पहुंचते ही इन्हें हिरासत में ले लिया गया था।

ताज़ा ख़बरें

एटीएस सूत्रों के अनुसार, गिरोह से अब तक एक हज़ार के लगभग अश्लील वीडियो में मिले हैं। गिरोह से जुड़ी सभी लड़कियों के मोबाइल फ़ोन में अश्लील वीडियो भी बरामद हुए हैं। रसूखदार चेहरों के साथ लंबी कॉल डिटेल्स इनके मोबाइल फोन नंबरों से मिली हैं। पांच हार्ड डिस्क भी इस गिरोह से बरामद हुई हैं। इन हार्ड डिस्क में गिरोह की सदस्याएं अपने ‘शिकार’ के वीडियोज सहेजकर रखा करती थीं।

एटीएस सूत्रों के अनुसार, हनी ट्रैप गिरोह 20 लोगों से 15 करोड़ रुपये ऐंठ चुका था। कुल एक हज़ार वीडियो में 90 अश्लील वीडियो रसूखदारों के हैं। इनमें 30 के करीब अश्लील वीडियोज नामी-गिरामी आईएएस और आईपीएस अफसरों के हैं।

पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम का भी नाम!

सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश के एक पूर्व राज्यपाल, एक पूर्व मुख्यमंत्री और कई पूर्व मंत्री भी गिरोह की बालाओं के साथ कथित तौर पर रंगरलियां मनाते नज़र आ रहे हैं। चूंकि एटीएस मौन है, इसलिए छनकर बाहर आ रहीं ‘खबरों’ की कोई भी पुष्टि करने को तैयार नहीं है। लिहाजा तमाम दावों (पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल) पर कोई भी सहज रूप से विश्वास नहीं कर रहा है।

गिरोह की प्रमुख सदस्य श्वेता स्वपनिल जैन पूर्व मंत्री और मौजूदा बीजेपी विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह के भोपाल स्थित बेहद पॉश रिवेयरा टाउनशिप (यह कालोनी मंत्री, सांसद और विधायकों के लिए सरकार ने सस्ते दरों पर विकसित की थी) स्थित घर में किराये में रहा करती थी। स्वयं को वह समाजसेवी बताती थी। मंत्री की एक रिश्तेदार से श्वेता के मधुर संबंध थे। मंत्री की रिश्तेदार मामला खुलने के बाद से ‘गायब’ है और एटीएस उसकी तलाश में जुटी है।

लैंड रोवर, ऑडी की सवारी

गिरोह की सभी प्रमुख सदस्यों की लाइफ स्टॉइल बेहद रॉयल थी इनके वाहन बेड़ों में महंगी कारें शामिल थीं। ये लैंड रोवर, ऑडी और मर्सिडीज कारों की सवारी करतीं थीं। कुछ कारें ‘सदस्याओं’ के नाम भी भोपाल और इंदौर के आरटीओ कार्यालयों में रजिस्टर्ड हैं। महंगे घर भी पिछले कुछ सालों में इन्होंने भोपाल और इंदौर में अपने तथा रिश्तेदारों के नामों पर खरीदे हैं। गिरोह की एक सदस्य के यहां से महंगी और इंपोर्टेड कॉस्मेटिक्स की श्रृंखला मिली है। इनमें विदेशी लिपिस्टिक भी हैं।

पूर्व मंत्री ने बचाया था 

शिवराज सरकार के दौरान एक मंत्री और रसूखदार बीजेपी नेता ने गिरोह की एक सदस्या को पुलिस से बचाया था। इसके बाद से सदस्य और गिरोह की अन्य बालाएं भी पूर्व मंत्री के संपर्क में आ गईं थीं। पूर्व मंत्री के जरिये कई ठेके और अपने-अपने एनजीओ के लिए करोड़ों के काम इन्होंने बीजेपी की सरकार में लिये। 

बेहद खूबसूरत ये महिलाएं वल्लभ भवन में ख़ूब सक्रिय रहा करती थीं। बड़े ओहदे वाले आईएएस अफ़सरों से इनके सीधे संपर्क थे। कई आईएएस अधिकारी नियमित इनके घरों पर आया-जाया करते थे। एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी रैंक के अफ़सर पीसी मीणा का वीडियो स्वप्निल जैन ने अपने ही घर में बनाया था। यह महिला उस वीडियो में अफ़सर के साथ ‘अतरंग’ हालातों में नजर आयी थी।

बीजेपी के बाद कांग्रेसियों से तार जोड़े

बताते हैं कि लंबे समय से मध्य प्रदेश में सक्रिय इन ‘षोडसियों’ ने बीजेपी सरकार के रसूखदारों से बेहद मधुर संबंध बनाये थे और करोड़ों रुपयों के काम लिये। निजाम बदला तो ये कांग्रेसियों में ‘घुल-मिल’ गईं। एक मौजूदा मंत्री पूरी तरह से इनके ‘ग्रिप’ में आ चुके थे। कमलनाथ सरकार के कई अन्य मंत्रियों से ‘मधुर संबंध’ बनाने में भी इन्हें ‘कामयाबी’ मिल जाने की ख़बर है। कई सांसद-विधायकों के यह सतत ‘संपर्क’ में थीं।

मध्य प्रदेश से और ख़बरें

कमलनाथ सरकार को भी था ख़तरा!

सूत्रों ने बताया है कि पूरा मामला मुख्यमंत्री कमलनाथ के संज्ञान में काफ़ी पहले आ चुका था। उन्हीं के निर्देश पर एटीएस सक्रिय हुई और गिरोह पर नज़र रख रही थी। पुलिस के काफी पहले हत्थे चढ़ जाने के बाद शिवराज सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता द्वारा बचा लिये जाने का ‘बड़ा शुक्रिया अदा’ करने का गिरोह का ‘वादा’ था। बताते हैं कि इस ‘वादे’ के तहत पूर्व मंत्री कथित तौर पर कमलनाथ की सरकार को गिराने का ‘ताना-बाना’ बुन रहे थे। भनक लगते ही नाथ एंड कंपनी सक्रिय हुई और गिरोह अब एटीएस के हत्थे में है।

तीन को जेल भेजा, दो रिमांड पर

इस बीच ख़बर है कि कोर्ट ने दोनों श्वेताओं और बरखा सोनी को जेल भेज दिया है। जबकि आरती दयाल, मोनिका यादव और ड्राइवर ओमप्रकाश को 22 सितंबर तक के लिए एटीएस को रिमांड पर सौंपा है। इनसे पूछताछ की जा रही है।

तीन पत्रकार भी ‘लपेटे’ में आये

ब्लैकमेलिंग के गोरखधंधे में लिप्त होने को लेकर तीन पत्रकारों के भी नाम आ रहे हैं। जिन तीन पत्रकारों के नाम आ रहे हैं उनमें - एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल का मध्य प्रदेश संवाददाता, एक रीजनल न्यूज चैनल का ब्यूरो चीफ एवं मौजूदा संवाददाता और देश के एक बड़े अखबार में काम कर चुका वरिष्ठ पत्रकार शामिल बताया जा रहा है। बताते हैं कि पुलिस ने इन लोगों को भी पूछताछ के लिए सूचीबद्ध किया हुआ है।

गृह मंत्री बोले किसी को नहीं बख्शेंगे

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने पूरे मामले को बेहद गंभीर करार दिया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘कोई भी चेहरा नामी-गिरामी क्यों ना हों, जांच में दोषी पाये जाने वाले हरेक शख्स को उसके किए की सजा दी जायेगी।’

यह कमलनाथ का ‘पॉलीटिकल एनकाउंटर’: बीजेपी

उधर, मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी ने इस पूरे मामले को कमलनाथ सरकार का ‘पॉलीटिकल एनकाउंटर’ करार दिया है। वाजपेयी ने एक बयान में कहा कि - ‘बीजेपी के कुछ लोगों की चरित्र हत्या के लिए कमलनाथ सरकार ने हनी ट्रैप के इस पूरे मामले को गढ़ा है।’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की अस्थिर कमलनाथ सरकार का अब तक का यह सबसे घिनौना राजनैतिक षड़यंत्र है, जिसका उपयोग कुछ राजनेताओं की ‘राजनीतिक हत्या’ के लिए किया जाने वाला है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें