क्या कानून की सही प्रक्रिया के बिना किसी आरोपी को सजा देना कभी सही हो सकता है? क़तई नहीं। कम से कम बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम पटेल तो यही मानते हैं। उन्होंने कहा है कि कानून की सही प्रक्रिया की परवाह किए बिना त्वरित न्याय देने वाले एक हीरो कॉप की सिनेमाई छवि एक बहुत ही हानिकारक संदेश देती है। 'सिंघम' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म का ज़िक्र कर उन्होंने कहा कि वह संदेश कितना ख़तरनाक है।