क्या कानून की सही प्रक्रिया के बिना किसी आरोपी को सजा देना कभी सही हो सकता है? क़तई नहीं। कम से कम बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम पटेल तो यही मानते हैं। उन्होंने कहा है कि कानून की सही प्रक्रिया की परवाह किए बिना त्वरित न्याय देने वाले एक हीरो कॉप की सिनेमाई छवि एक बहुत ही हानिकारक संदेश देती है। 'सिंघम' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म का ज़िक्र कर उन्होंने कहा कि वह संदेश कितना ख़तरनाक है।
सिंघम जैसी फ़िल्में बेहद ग़लत संदेश देती हैं, कितना ख़तरनाक है यह: हाई कोर्ट जज
- महाराष्ट्र
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- 23 Sep, 2023
अदालती फ़ैसले से इतर क्या पुलिस की तुरंत 'न्याय' प्रक्रिया सही है? दुष्कर्म के आरोपियों को मुठभेड़ में मारने पर पुलिस का हीरो की तरह स्वागत क्यों? क्या सिंघम जैसी फिल्में सही संदेश देती हैं? जानें बॉम्बे हाई कोर्ट के जज ने क्या कहा है।

सिंघम फिल्म 2011 में आई थी। रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित यह एक्शन फिल्म 2010 की तमिल फिल्म का रीमेक है और इसमें अजय देवगन एक पुलिस अधिकारी की मुख्य भूमिका में हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने भारतीय पुलिस फाउंडेशन के वार्षिक दिवस और पुलिस सुधार दिवस के अवसर पर शुक्रवार को एक समारोह में इसी फिल्म का ज़िक्र कर पुलिस सुधार की बात कही।