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फ़ोटो साभार: ट्विटर/एकनाथ शिंदे

शिंदे से मिले उद्धव ठाकरे के भतीजे, जानिए राजनीतिक मायने

शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को एक और झटका लगा है! उद्धव के भतीजे निहार ठाकरे ने आज पार्टी के बागी खेमे के नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात के साथ ही उन्होंने शिंदे को समर्थन का संकल्प लिया है। हालाँकि, यह झटका है भी या नहीं, इस पर अलग अलग राय हो सकती है। ऐसा इसलिए कि निहार ठाकरे का राजनीति में वहाँ कोई न तो वैसी पहचान है और न ही राजनीतिक ताक़त। लेकिन इतना ज़रूर है कि निहार बाल ठाकरे के तीन बेटों में से सबसे बड़े बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे हैं।

निहार ठाकरे का शिंदे खेमे को समर्थन देना एकनाथ शिंदे के लिए एक मानसिक बढ़त मिलती हुई दिख सकती है। ऐसा इसलिए कि शिवसेना की विरासत को लेकर अब उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे में जंग होती हुई दिखाई देती है और ऐसे में उद्धव के परिवार के क़रीबी का शिंदे खेमे में जाना एक झटका के तौर पर है।

यह जंग इसमें भी साफ़-साफ़ दिखती है कि उद्धव ठाकरे गुट ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर चुनाव आयोग की उस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी जिसमें यह तय किए जाने की बात है कि असली शिवसेना कौन है। 'असली शिवसेना' को लेकर चल रही खींचतान चुनाव आयोग तक पहुँच गई है। उद्धव गुट और शिंदे गुट दोनों पार्टी पर दावा कर रहे हैं।

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उद्धव खेमे ने अपनी याचिका में कहा कि जब तक विधायकों की अयोग्यता का पहलू पहले तय नहीं हो जाता, तब तक चुनाव आयोग यह तय नहीं कर सकता कि असली शिवसेना कौन है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों को यह साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने के लिए कहा था कि उनके पास शिवसेना में बहुमत के सदस्य हैं।

दोनों गुटों को 8 अगस्त की दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद चुनाव आयोग शिवसेना के दोनों गुटों के दावों और विवादों को लेकर सुनवाई करेगा।

निहार ठाकरे के पिता बिंदुमाधव ठाकरे की 1996 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। वह बाल ठाकरे के तीन बेटों में सबसे बड़े थे। अन्य दो बेटे जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बिंदुमाधव राजनीति में सक्रिय नहीं थे। लेकिन उनके बेटे निहार की अब एकनाथ शिंदे से मुलाकात को एक सांकेतिक कदम के तौर पर ही देखा जा रहा है। जयदेव ठाकरे की पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे ने भी हाल ही में सीएम शिंदे से मुलाक़ात की थी।

रिपोर्ट के अनुसार वकील निहार ठाकरे ने पिछले साल दिसंबर में बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी अंकिता पाटिल से शादी की थी। हर्षवर्धन पाटिल कांग्रेस के पूर्व नेता हैं जो कई वर्षों तक मंत्री रहे।

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बहरहाल, शिवसेना में अब विरासत की लड़ाई है। दो तिहाई विधायकों की बगावत के बाद आधे से ज्यादा सांसदों का टूटना और बागियों द्वारा नयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर अपने आपको "असली शिवसेना" होने का दावा करना तथा शिवसेना भवन पर कब्ज़ा करने की बातें करना बहुत से सवाल खड़े कर रहा है।

अब सवाल यह है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में चुने हुए जनप्रतिनिधि एक साथ आकर शिवसेना पर कब्जा जमा लेंगे? या फिर अपने शिव सैनिकों के दम पर उद्धव ठाकरे शिवसेना प्रमुख का ताज बरकरार रख पाएंगे? इन सवालों के जवाब अब बाद में मिलेंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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