1.
हम भारत और भारतीय संस्कृति की गौरवगाथा की बात तो करते हैं। मगर भारतीय संस्कृति क्या है! परंपरा क्या है! इसकी क्या कोई एक धारा है या अनेक धाराएँ हैं, इसपर कभी गौर करते हैं!
2.
मुख्य रूप से भारतीय संस्कृति और परंपरा की तीन धाराएँ हैं: एक ब्राह्मण संस्कृति व परंपरा, दूसरी श्रमण संस्कृति व परंपरा और तीसरी लोकायत संस्कृति व परंपरा।
3.
इसे देखने की दो दृष्टि है: एक समन्वयवादी और दूसरी पृथकतावादी दृष्टि। वेद से लेकर आज तक के भारतीय साहित्य में इनमें टकराव और समन्वय देख सकते हैं।















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