सत्ता की सुगंध इतनी तीक्ष्ण होती है कि उसके जाने के भय मात्र से ही जीवन में तारतम्य खो जाता है। धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनकर यही लगता है। वह यह भूल चुके हैं कि उन्होंने सरकार बनाई है, वो स्वयं सत्ता हैं, उनके पास समस्याओं को सुलझाने के संसाधन उपलब्ध हैं, शक्ति है, इसके बावजूद उनका व्यवहार एक सम्पूर्ण असफल नेता की भाँति लग रहा है। विपक्ष का काम है संसद में जन सरोकार के सवाल उठाना, और ऐसे उठाना कि सरकार में ऐंठन उत्पन्न हो जाये, लेकिन सरकार का काम इससे बेचैन होकर विपक्ष पर व्यक्तिगत हमला करना नहीं है बल्कि उन सवालों का जवाब देना है जिन्हें विपक्ष ने उठाया है।
संसदीय संकट से गुजर रहा है भारत?
- विचार
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- 5 Jul, 2024

भारत क्या एक संसदीय संकट से नहीं गुजर रहा है जहां विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का सत्ता पक्ष का नेता मखौल बना देता है?
राहुल गांधी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपने भाषण के दौरान अग्निवीर योजना और उसके दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला था। उनका कहना था कि एक युवा जिसे 31 सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद ही सीमा पर भेज दिया जाता है उसकी तुलना उस सैनिक से कैसे की जा सकती है जिसे वर्षों ट्रेनिंग देकर व्यवस्थित तरीक़े से सैनिक बनाया गया है। वर्षों की ट्रेनिंग सैनिक को न सिर्फ़ दक्षता से लड़ने और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाती है बल्कि उसे अपनी जान भी बचाने का अवसर प्रदान करती है। राहुल गांधी ने जब इस योजना को ख़त्म करने की बात की, इससे संबंधित समस्याओं को उजागर किया तो रक्षामंत्री और गृहमंत्री दोनों उठ खड़े हुए और अध्यक्ष से राहुल के ख़िलाफ़ कार्यवाही की माँग करने लगे। राहुल लगातार सदन में यह कहते रहे कि इस मामले की सच्चाई सेना जानती है और अग्निवीर और उनके परिवार वाले जानते हैं। अग्निवीर योजना से युवा और उनके घरवाले कितना खुश हैं इसकी जानकारी के लिए हाल ही में शहीद हुए एक अग्निवीर की राय जान लेना चाहिए। सरकार अग्निवीर को तो शहीद का भी दर्जा नहीं देती है। फिर भी मैं देश के लिए जान गँवाने वाले अग्निवीरों के लिए शहीद का ही इस्तेमाल करूँगा। मेरे लिए शहीद का मतलब ही है कि उसने देश को आगे रखकर, सबके लिए अपनी जान को दांव पर लगा दिया। शहीद अजय सिंह के परिवार वालों ने एक करोड़ की सहायता मिलने की पुष्टि की है। 18 जनवरी को नौशेरा सेक्टर में बारूदी सुरंग विस्फोट में मारे गए अग्निवीर अजय सिंह के परिवार ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी, उन्होंने केंद्र सरकार के रवैये से निराशा व्यक्त की और वो चाहते हैं कि इस योजना को खत्म कर दिया जाए। रक्षामंत्री ने तो खुलकर कहा कि वो इस योजना को वापस नहीं लेंगे। लेकिन राहुल गांधी जो, अग्निवीर योजना को सेना की नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय की योजना मानते हैं, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आते ही/बनते ही वो फ़ौरन इस योजना को ख़त्म कर देंगे।