पेगासस के जासूसी यंत्र को लेकर भारत सरकार फिर दलदल में फँस गई है। सारे विरोधी दलों ने उसे दलने के लिए कमर कस ली है। सरकार को नींद नहीं आ रही होगी कि संसद के इस सत्र में वह बजट पेश करेगी या इस इजराइल के जासूसी यंत्र की मार से खुद को बचाएगी।
सरकार बजट पेश करेगी या इजराइली जासूसी यंत्र की मार से खुद को बचाएगी?
- विचार
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- 31 Jan, 2022


यदि सरकार आतंकवादियों, तस्करों, ठगों, हिंसकों, अपराधियों, देशद्रोहियों के ख़िलाफ़ जासूसी करे तो वह सर्वथा उचित है लेकिन यदि ऐसा ही है तो उसे हकलाने, लड़खड़ाने और घबराने की ज़रुरत क्या है? सरकार की इस घबराहट को ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने अब बड़े सिरदर्द में बदल दिया है।
‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने ज्यों ही यह ख़बर उछाली कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में अपनी इजराइल-यात्रा के दौरान जब इजराइल से दो अरब डाॅलर के हथियारों का सौदा किया था तभी 500 करोड़ रुपये का यह जासूसी यंत्र खरीदा था तो फिर क्या था? भारत के सारे विरोधी दल चंग पर चढ़ गए।


























