आर्यन का मामला शुरू से कमजोर लग रहा है। जमानत नहीं मिलने से यह शक हो रहा था कि उसे फंसाया गया है। शाहरूख ख़ान का बेटा होने के नाते यह शक भी रहा है कि सब ऊपर के इशारे पर किया गया हो। फिर जमानत नहीं मिलने से भी इन आशंकाओं को दम मिला कि कोई 'बड़ा' है जो शाहरूख से उसके बेटे के बहाने हिसाब बराबर कर रहा है। ऐसे में इतवार को एनसीबी के गवाह ने जो आरोप लगाए उससे लगता है कि यह शाहरूख से वसूली की कोशिश है और शाहरूख ने पैसे देने से मना कर दिया इसलिए गिरफ्तारी हुई।
एनसीबी के खंडन में दम नहीं; क्या शाहरूख करेंगे वसूली के आरोपों की पुष्टि?
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- 25 Oct, 2021

आर्यन मामले में एक गवाह ने आरोप लगाया है कि सौदा 25 करोड़ का था, 18 करोड़ में तय होता और 8 करोड़ समीर वानखेड़े को जाता। एनसीबी ने आरोप खारिज किए तो क्या शाहरूख ख़ान इसकी पुष्टि करेंगे?
गवाह का यह आरोप भी है कि उससे कई सादे कागज पर दस्तखत करवा लिए गए थे। बेशक ये आरोप अपने आप में दमदार है। आज के अख़बारों में इसे जितनी प्रमुखता मिलनी चाहिए थी उतनी नहीं है। इस ख़बर को भी नहीं कि लखीमपुरखीरी मामले में गिरफ्तार मंत्री पुत्र को डेंगू हो गया है और उसे अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है।