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क्या राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन होगा, पायलट बनेंगे सीएम?

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी गुरुवार देर शाम को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही इस तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्रकारों से कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजस्थान के बारे में एक या दो दिन में फैसला करेंगी। 

उन्होंने एक एडवाइजरी जारी कर राजस्थान कांग्रेस के नेताओं से किसी भी तरह की बयानबाजी न करने की अपील की है। 

वेणुगोपाल ने कहा है कि बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ पार्टी नियमों के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताना होगा कि बीते कुछ दिनों में गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट पर हमला बोला है तो पायलट के समर्थक विधायकों ने भी इसका पुरजोर जवाब दिया है। 

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कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने पत्रकारों से कहा कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा, सोनिया गांधी ही इस बारे में फैसला करेंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ऐसा ही बयान दिया था। 
ashok gehlot may change in Rajasthan congress Crisis 2022 - Satya Hindi

इस तरह की चर्चा तेज है कि जल्द ही जयपुर में एक बार फिर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी और इसमें एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कोई भी फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा। 

विधायकों ने दिया था इस्तीफ़ा

बीते रविवार को ऐसी ही बैठक बुलाई गई थी तो कांग्रेस के विधायक पार्टी के पर्यवेक्षकों के सामने आने के बजाय कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर जुट गए थे और उसके बाद उन्होंने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया था। ऐसे विधायकों की संख्या 90 के आसपास बताई गई थी। 

इस बगावत से कांग्रेस हाईकमान काफी नाराज हुआ था और पार्टी की ओर से अशोक गहलोत के तीन करीबियों को नोटिस जारी कर इसका जवाब देने के लिए कहा गया था।

सवाल यह है कि अगर कांग्रेस राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन करती है और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाती है तो क्या गहलोत समर्थक विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री स्वीकार करने के लिए राजी होंगे। बीते दिनों में गहलोत समर्थक विधायक इस बात को कह चुके हैं कि वह पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। 

नेतृत्व परिवर्तन की मांग 

दूसरी ओर, पायलट के समर्थक लंबे वक्त से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते रहे हैं। बताना होगा कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी उस वक्त सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार भी थे। लेकिन तब कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था जबकि पायलट उप मुख्यमंत्री बने थे। 

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पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ साल 2020 में बगावत की थी और इसके बाद से ही राज्य में लगातार नेतृत्व परिवर्तन की मांग समय-समय पर उठती रही है। 

देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान क्या राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाएगा और उनकी जगह किस नेता को इस पद पर बैठाएगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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