जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शुमार रहे शर्मा ने कहा है, ‘ऐसा लग रहा है, मध्य प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ केन्द्रीय नेतृत्व ने हमें मृत मान लिया है।’ पितृपुरूष कहलाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे के कंधे से कंधा मिलाकर मध्य प्रदेश एवं देश के अन्य राज्यों में जनसंघ, जनता पार्टी और फिर भाजपा को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले रघुनंदन शर्मा इन दिनों काफी विचलित नजर आ रहे हैं।