नीतीश कुमार पहले दिन में ममता बनर्जी से मिले थे, शाम को अखिलेश यादव से। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वह नवीन पटनायक से मिल सकते हैं। इसके क्या मायने हैं? विपक्षी एकता। लेकिन क्या यह पहले कई बार बनी विपक्षी एकता की तरह ही है या फिर इस बार कुछ अलग है? कहीं ज़्यादा विपक्षी पार्टियों की एक बड़ी छतरी के नीचे आने की संभावना कितनी है? यह पहले से कैसे अलग है? इन सवालों के जवाब बाद में पहले यह जान लें कि आज नीतीश की ममता और अखिलेश से मुलाक़ात में क्या निकला।