कांग्रेस नेता राहुल गांधी की परिपक्वता, शालीनता और संवाद की लोकतांत्रिक शैली बहुत ही प्रशंसनीय है। विपक्ष के नेता होने के बावजूद वह इस कोरोना काल में सरकार की नीतियों के प्रति तीखा आलोचनात्मक रवैया और हमलावर तेवर रखने के बजाय लगातार सहयोग का रुख़ दिखा रहे हैं। हालाँकि सरकार और बीजेपी ने अभी तक इस बारे में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई हो, ऐसा नहीं लगता।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी विपक्ष के नेता होने के बावजूद इस कोरोना काल में सरकार की नीतियों के प्रति तीखा आलोचनात्मक रवैया और हमलावर तेवर रखने के बजाय लगातार सहयोग का रुख़ दिखा रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में भी उन्होंने साफ़ कहा कि यह आलोचना का समय नहीं है इसलिए मैं आलोचना नहीं करूँगा। उन्होंने साफ़ कहा कि इस वक़्त कांग्रेस, बीजेपी, आरएसएस में बँटकर बातें करने का वक़्त नहीं है। हम सबसे पहले भारतीय हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार का रवैया विपक्ष से बातचीत का नहीं है और हमने यह स्वीकार भी कर लिया है। फिर भी इस संकट में सरकार को सुझाव देने का कर्तव्य हम निभाते रहेंगे।