22 मई को विभिन्न संगठनों की ओर से देशव्यापी रोष-प्रदर्शन के तहत पंजाब के भी 16 जन-संगठनों ने समूचे राज्य में जबरदस्त प्रदर्शन किए और धरने दिए। घर वापसी के लिए आतुर प्रवासी मजदूरों पर पुलिस ने कई जगह लाठीचार्ज किया। सूबे की पुलिस अब सड़कों पर आए मजदूरों के ख़िलाफ़ जालिमाना पैंतरे अपना रही है।

प्रतीकात्मक तसवीर।
लॉकडाउन के कारण एक तो पंजाब में प्रवासी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है, दूसरा उन्हें पुलिसिया जुल्म का भी शिकार होना पड़ रहा है।
दो महीनों के भयावह संकट के बाद पंजाब में मौजूद ज्यादातर प्रवासी मजदूर किसी भी सूरत में अपने मूल राज्यों को लौट जाना चाहते हैं। हालांकि उद्योगपति, किसान और सरकार उनकी रोजी-रोटी के लिए उन्हें आश्वस्त करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।