राजस्थान उच्च न्यायालय के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने कहा है कि उनके बारे में 'सरकार की नकारात्मक धारणा' को वह स्वतंत्रता का प्रमाण पत्र मानते हैं। उन्होंने यह भी साफ़ कहा कि जज के रूप में अब तक लिए गए फ़ैसलों के लिए उन्हें कोई पछतावा नहीं है और उन्हें इस पर नाज है कि वह गर्व के साथ इस पद को छोड़ रहे हैं। वह राजस्थान उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न्यायमूर्ति कुरैशी के पद छोड़ने के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव सोमवार से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। जस्टिस कुरैशी अपनी सेवानिवृत्ति को लेकर संबोधित कर रहे थे।
जस्टिस कुरैशी का यह संबोधन इसलिए अहम है कि काफ़ी पहले ही उनको मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की कॉलेजियम की सिफारिश को सरकार ने नहीं माना था और मई 2019 में कॉलेजियम के पास उनके नाम को लौटा दिया था। बाद में उन्हें त्रिपुरा हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया। उन्होंने आख़िरकार नवंबर 2019 में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अक्टूबर 2021 में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।




























