कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी को पत्र लिखकर अयोध्या में बनने वाली भगवान राम की मूर्ति के बगल में सीता की मूर्ति भी लगाने का सुझाव दिया है। कर्ण सिंह ने पत्र में लिखा है कि उन्हें विश्वास है कि सीएम योगी मेरे सुझाव को स्वीकार करेंगे।
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कर्ण सिंह ने पत्र में लिखा है, 'पिछले हफ्ते मैं सिमरिया में मोरारी बापू के एक कार्यक्रम में गया। यह मिथिला की भूमि थी और यहाँ मुझे एक विचार आया जिसे मैंने मंच पर भी रखा और आपसे भी कह रहा हूँ। राजा जनक की भूमि मिथिला, सीता माता की भूमि मानी जाती है। यहीं सीता जी का प्राकट्य हुआ और यहीं उनका श्रीराम के साथ विवाह संपन्न हुआ। नियति देंखें, विवाह के बाद अयोध्या बहू बनकर गईं, लेकिन कुछ ही दिनों में श्रीराम के साथ उनको 14 वर्ष वनवास झेलना पड़ा। इसी दौरान 14वें वर्ष में उनका अपहरण हुआ। श्रीलंका में बंदी बनकर रहीं।’
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आगे लिखा, 'इस सबको याद कर मेरे दिल में एक सुझाव आया है कि जब अयोध्या में भगवान राम की भव्य मूर्ति बनाने का निर्णय ले लिया है तो उसकी ऊँचाई आधी करके राम और सीता की युगल प्रतिमा लगाई जाए। कम से कम सहस्र वर्षों बाद सीता जी को अयोध्या में उचित स्थान तो मिले। मुझे विश्वास है कि आप मेरे सुझाव को स्वीकार करेंगे।'बता दें कि अयोध्या में प्रस्तावित राम की प्रतिमा की कुल ऊँचाई 221 मीटर होगी। फ़िलहाल दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा गुजरात में बनी 182 मीटर की सरदार बल्लभ भाई पटेल की है। हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ नेपाल के जनकपुरधाम पहुँचे थे और वहाँ सीता-राम विवाह के स्वयंवर कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
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