राजनीतिक दल बेरोजगारी पर वादा करते हैं, सवाल खड़े करते हैं और जब सत्ता मिलती है तो उसी सवाल से भाग खड़े होते हैं। नरेंद्र मोदी से लेकर तेजस्वी यादव तक यही भयावह सच है।
वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया तो इस पर सवाल नहीं उठने चाहिए। लेकिन क्या अब तक सरकार की तरफ़ से ही कोई यह कहने की स्थिति में है कि नोटबंदी का फ़ैसला अच्छा था? कोई भी फ़ायदा गिनाया जा सकता है?
शिक्षा की हालत सुधर रही है या ख़राब हो रही है? दिल्ली में शिक्षा के हालात पर राजनीति क्यों है? असम में स्थायी शिक्षकों के पद ख़त्म क्यों किये जा रहे हैं?
दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है और इसका असर राजनीति पर भी पड़ रहा है। जानिए, आख़िर अमेरिका कैसे निपट रहा है और ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों ने कैसे निपटने की कोशिश की। भारत इनसे सबक़ लेगा?
क्या गुजरात चुनाव में इस बार बीजेपी की हालत ख़राब है? क्या कांग्रेस और आम आदम पार्टी बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं? जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के आज के बयान के मायने क्या हैं।
स्पेनिश फ्लू हो या विश्व युद्ध, जब भारत में जनगणना का काम तब नहीं रुका तो कोरोना को कारण बता अब इसे क्यों रोका गया है? 2019 में तय समय पर जनगणना कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ तब तो कोरोना आया ही नहीं था?
उत्तर प्रदेश में अपने दूसरे कार्यकाल में क्या योगी आदित्यनाथ के हाथ बांधने की कोशिश मोदी और शाह ने की है? क्या मंत्रिमंडल के गठन में योगी आदित्यनाथ की नहीं चली?
उत्तर प्रदेश का चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। अखिलेश यादव ने इस चुनावी लड़ाई को आमने-सामने का बना दिया है। देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में तमाम जातियां किस तरह वोट करती हैं।