राहुल की पद यात्रा खतम । बर्फ़बारी के बीच राहुल । लेकिन सवाल राहुल की यात्रा ने कांग्रेस का शक्ल बदल दी है ? क्यों मोदी के नैरेटिव के सामने एक वैकल्पिक आख्यान प्रस्तुत कर दिया है ? क्या आरएसएस पर हमला करना राहुल के लिये ज़रूरी था ? क्या पठान फ़िल्म ने हिंदुत्ववादियों को मैसेज दे दिया है ? क्या रामचरितमानस का विरोध जायज़ है ? इन तमाम सवालों पर आशुतोष ने जाने माने बुद्धिजीवी पुरुषोत्तम अग्रवाल से बात की !
पठान फ़िल्म की कामयाबी क्या महज एक फ़िल्म की कामयाबी है या फिर उस नैरेटिव का जवाब है जो समाज में धर्म की ठेकेदारी कर रहे हैं या जो नफ़रत की दुकान चला रहे हैं ? अब सूचना प्रसारण मंत्री फ़िल्म बहिष्कार संस्कृति की निंदा कर रहे हैं और भारतीय फ़िल्मों के साफ्ट पावर का ज़िक्र कर रहे हैं ? पहले क्यों नहीं किया दखल ?
BBC की फिल्म के क्या मोदी को नुक़सान होगा ? क्या छवि ख़राब होगी ? क्या अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी प्रतिष्ठा पर धक्का लगेगा ? या फिर इस विडियो से मोदी की हिंदू नेता की छवि और मज़बूत होगी ? हिंदू वोट और मज़बूत होगा ?
भारत जोड़ों यात्रा 30 जनवरी को खत्म हो रही है । योगेन्द्र यादव ने पूरी यात्रा चली है । क्या है इस यात्रा का मक़सद ? क्या यात्रा ने राहुल की छवि को बदली है ? क्या ये
यात्रा देश की राजनीति को बदल रही है ? क्यों ये यात्रा ज़रूरी थी ? आशुतोष ने योगेन्द्र से विस्तार से बात की ।
बीबीसी की गुजरात फिल्म पर हंगामा जारी है । जेएनयू में फिल्म की स्क्रीनिंग ने हो इसलिये बिजली काट दी गयी, इंटरनेट को बंद कर दिया गया, फिल्म देखने वालों पर पत्थर फेंके गये । जामिया में पुलिस बुला ली गई ? आख़िर इतनी घबराई हुयी क्यों है सरकार ? क्या प्रधानमंत्री को इस फिल्म ये इतना डर लगता है ?
सरकार और सुप्रीम कोर्ट में घमासान जारी । क़ानून मंत्री का हमला जारी । कहाँ जज कोई चुन कर आते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने भी जजों की फ़ाइल पब्लिक की ? क्या इससे सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को सरकार जानबूझकर गिरा रही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में दिनेश द्विवेदी, राकेश सिन्हा, गौतम लाहिड़ी, सरीम नावेद और महमूद आबिदी ।
आख़िर बीबीसी की फिल्म को रुकवाने से किसको फ़ायदा होगा ? इस फिल्म में एक भी तथ्य नया नहीं है ? एक भी ऐसी चीज नहीं है जो लोगों को पता न हो ? जब सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मोदी को मिल चुकी है तो फिर डर काहे का ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, अरविंद सिंह और पंकज श्रीवास्तव ।
प्रेस की आज़ादी पहले से ही ख़तरे में है । अब मोदी सरकार एक नया नियम बनाने जा रही है जिसका ड्राफ़्ट सामने आया है । सरकारी एजेंसी को अधिकार दिया जायेगा कि वो तय करे कि फेक न्यूज़ क्या है और फिर सोशल मीडिया के लिये ऐसी खबर को हटाना अनिवार्य होगा । एडिटर्स गिल्ड के मुताबिक़ ये सेंसरशिप लगाने की तैयारी है । क्या वाकई देश में स्वतंत्र प्रेस पूरी तरह खतम करने की तैयारी चल रही है ?
क्यों नहीं हो रही है विपक्षी एकता की कोशिश ? क्यों सुस्त पड़ गये हैं नीतीश ? क्या है ममता का मूड ? क्यों केसीआर, अखिलेश और केजरीवाल क्या विपक्षी एकता के सबसे बड़े दुश्मन है ? क्या विपक्षी एकता की समय से पहले ही मौत हो गयी है ?
राहुल की भारत यात्रा अब ख़त्म होने को है । वो लगातार संघ परिवार और उनकी विचारधारा पर हमले कर रहे हैं । क्यों वो कहते हैं कि गर्दन कटा लेंगे लेकिन आरएसएस से समझौता नहीं करेंगे ? क्या वो आरएसएस से नफ़रत करते हैं या फिर पार्टी की विचारधारा को नया आयाम दे रहे हैं ?
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक । बैठक के पहले मोदी का रोड शो ! क्यों ? किसके संदेश देना है? बीजेपी के लिये कैसे होंगे 2023 में राज्यों के चुनाव? क्या सिर्फ हिंदू मुस्लिम ही चलेगा या फिर लाभार्थी योजना का मिलेगा का लाभ?
राहुल की तरफ़ से 21 विपक्षी नेता को आमंत्रण । राहुल ने चिट्टी लिखी जिसमे गिरती अर्थव्यवस्था पर देश को आगाह किया गया और कांग्रेस की तरफ़ से कुछ गंभीर वायदे किये गये है । तो क्या वो पीएम पद की अपनी दावेदारी रख रहे है ? क्या विपक्ष उनको नेता मानेगा ?
डेढ़ साल के बाद भी धर्म संसद हेट स्पीच मामले में कोई कार्रवाई नहीं ? सुप्रीम कोर्ट की भी दिल्ली पुलिस को परवाह नहीं ? क्यों ? कौन बचा रहा है ? क्यों बचाया जा रहा है? आशुतोष के साथ चर्चा में विनय तिवारी, यशोवर्धन आजाद, फ़िरदौस मिर्ज़ा, राकेश सिन्हा और प्रो अपूर्वानंद
उपराष्ट्रपति धनखड क्यों संविधान के बेसिक फ़ीचर पर हमले कर रहे हैं ? क्या है उनकी मंशा ? क्या वो नहीं चाहते कि न्यायपालिका संसद के बनाये क़ानूनों की समीक्षा करे ? क्या वो संविधान की मूल आत्मा पर हमले कर रहे हैं ? तो क्यों कर रहे हैं ? आशुतोष जाने माने संविधान विशेषज्ञ फैजान मुस्तफ़ा से बात कर रहे हैं !
मोहन भागवत मुसलमानों के बग़ैर हिंदुत्व को अधूरा बता रहे थे । अब कह रहे हैं कि एक हज़ार साल का युद्ध है । मुसलमान अपने को श्रेष्ठ न समझे । यहाँ रहना चाहे, तो रहे । क्यों वो हिंदुत्ववादियों की उग्रता को सही ठहरा रहे हैं ? क्या वो 2024 में मोदी की जीत का रास्ता तैयार कर रहे हैं ?