हाथरस गैंगरेप मामले में चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने कहा कि परिवार की गैर मौजूदगी में देर रात को शव जला दिए जाने का साफ़ मतलब है कि यूपी सरकार और पुलिस सबूतों को ख़त्म करना चाहती है।
‘क्राइम स्टेट’ बनते जा रहे उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित परिवार की बेटी के साथ हुए जुल्मों का शोर अभी थमा भी नहीं था कि बलरामपुर से ऐसी ही ख़ौफ़नाक घटना सामने आई है।
हाथरस मामले से पहले से ही हाल के वर्षों में बलात्कार को लेकर नई धारणा बनकर उभरी है कि तमाम मामलों को जातीय व धार्मिक नज़रिए से देखा जाने लगा है। आख़िर क्यों?
हाथरस में मंगलवार देर रात ढाई बजे बिना घरवालों की मौजूदगी के पुलिस ने ही अंतिम संस्कार कर डाला। पीड़िता के परिजनों ने बुधवार सुबह आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की और बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया।
हाथरस की घटना के विरोध में दिल्ली के सफ़दरजंग में प्रदर्शन स्थल से ग़ायब कर दिए गए हैं। चंद्रशेखर के पीआरओ कुश अंबेडकर ने आरोप लगाया है कि दलित बेटी के दुष्कर्म और मौत का मामला बढ़ते देख चंद्रशेखर को ग़ायब किया गया है।
हाथरस में दलित लड़की से गैंग रेप होता है। उसकी जीभ कट जाती है। शरीर का ऊपरी हिस्सा पैरालाइज हो जाता है। अब योगी सरकार कह रही है कि रेप हुआ ही नहीं। क्यों इतनी बेशर्मी ? आशुतोष ने चर्चा की विजय त्रिवेदी, ताहिरा हसन, घनश्याम तिवारी, सिद्धार्थ कलहंस से।
पहले दिन से घटना को नकारने, फिर छिपाने और अब कमतर बताने में जुटी यूपी सरकार अब कह रही है कि मृतक लड़की के साथ दुष्कर्म की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई है।
निर्वेंद्र मिश्रा की हत्या से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या उत्तर प्रदेश में जंगल राज है, कानून-व्यवस्था क्यों नहीं सुधर रही? इससे निपटने के लिए योगी सरकार के पास क्या योजना है?
उत्तर प्रदेश में वाकई जंगल राज आ चुका है। बीते 24 घंटों में ही कई ज़िलों में ताबड़तोड़ हत्याएं हुयी हैं। जनता आक्रोश में सड़कों पर उतर रही है। कुशीनगर में हत्या कर भाग रहे युवक को भीड़ ने पुलिस की पकड़ में पीट-पीट कर मार डाला।