ट्रंपवादियों की उग्र भीड़ मंगलवार से ही कैपिटल हिल या संसद भवन के सामने डोनल्ड ट्रंप के समर्थन में और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन तथा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी।
हिंसा, गोलीबारी और संसद परिसर कैपिटल बिल्डिंग में घुस कर तोड़फोड़ करने के डोनल्ड ट्रंप के समर्थकों की करतूतों के बाद राष्ट्रपति ने अपरोक्ष रूप से ही सही, अपनी हार मान ली है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ट्रंप को अब 14 दिन भी नहीं रहने दिया जाएगा राष्ट्रपति? उनकी ही कैबिनेट आई विरोध में । ट्रंप समर्थकों के दंगे के बाद फिर शुरू हुई संसद की कार्यवाही
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। US: संसद परिसर में ट्रंप समर्थकों का बवाल, 4 की मौत । अमेरिकी संसद परिसर को ट्रंप समर्थकों ने बना दिया युद्धक्षेत्र
अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने से जिस हिंसा का डर था वही हुआ। कैपिटॉल हिल में 4 लोग मारे गये। 52 लोगों को गिरफ़्तार किया गया। हिंसा के बाद सांसदों की बैठक करने वाली जगह कैपिटल बिल्डिंग को बंद करना पड़ा था।
राष्ट्रपति चुनाव हारने के बावजूद डॉनल्ड ट्रंप हार मानने को राज़ी नहीं! क्या अब भी जो बाइडन की जीत का रास्ता रुक सकता है? आख़िर ट्रंप इतना तमाशा क्यों कर रहे हैं? बीबीसी हिंदी के पूर्व संपादक शिवकांत से आलोक जोशी की बातचीत
ईरान के परमाणु-वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीजाद की हत्या एक ऐसी घटना है, जो ईरान-इस्राइल संबंधों में तो भयंकर तनाव पैदा करेगी ही, यह बाइडन-प्रशासन के रवैए को भी प्रभावित कर सकती है।
अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन का रास्ता साफ़ हो गया है। डोनल्ड ट्रंप ने आख़िरकार सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की हामी भर दी है। जीएसए ने जो बाइडन को सोमवार को साफ़ तौर पर विजेता घोषित कर दिया है।
अमेरिका के अगले राष्ट्रपति पर अजीबोगरीब उलझन है। पॉपुलर वोटों के आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव जो बाइडन को जीता हुआ बताया जा रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी आख़िरी घोषणा नहीं हुई है। ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं हैं।
बाइडन ने कहा कि जो हारे हैं वे भी अमेरिकी हैं। किसी और मौके पर यह सब कुछ बहुत ही घिसा-पिटा लगता लेकिन चुनाव नतीजों के बाद इस वक्तव्य को सुनते हुए रोने वालों की संख्या कम न थी।
ओबामा सरकार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और उसमें भारत को सदस्यता देने वाले प्रस्ताव के समर्थन में ला खड़ा करने का श्रेय भी बाइडन को ही दिया जाता है।
अमेरिका में ट्रंप की हार और बाइडन की जीत में भारत के लिये क्या कोई संदेश है? क्या अमेरिका पर से संकट टल गया है? आशुतोष की प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल से बातचीत।
अमेरिका में जाकर 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा लगाने वाले भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत पर बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका संबंध नई ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे।
काँटे की टक्कर में अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने कहा है कि वह सबको एक साथ लेकर चलेंगे। भावी राष्ट्रपति ने अमेरिकियों को एकजुट करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई।